सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के कॉलेजियम ने मणिपुर हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन को कलकत्ता हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है. एमवी मुरलीधरन ने ही मणिपुर सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने को कहा था. कॉलेजियम ने उनके मूल उच्च न्यायालय, मद्रास उच्च न्यायालय में वापस स्थानांतरण के उनके अनुरोध को स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया.
11 अक्टूबर को जारी कॉलेजियम के बयान में कहा गया है कि "कॉलेजियम को उनके द्वारा किए गए अनुरोधों में योग्यता नहीं मिली. इसलिए, कॉलेजियम ने जस्टिस एम वी मुरलीधरन को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए 9 अक्टूबर 2023 की अपनी सिफारिश को दोहराने का प्रस्ताव किया है.
गौरतलब है कि पिछले अप्रैल में जस्टिस मुरलीधरन ने एक आदेश पारित कर मणिपुर सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने को कहा था. उनके प्रस्ताव की आलोचना सुप्रीम कोर्ट ने भी की थी. कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल को अगले मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है.
कॉलेजियम ने लिए कई फैसले
कॉलेजियम की अन्य सिफारिशों में केरल हाईकोर्ट में न्यायिक अधिकारी एमबी स्नेहलता, जॉनसन जॉन, जी गिरीश, प्रदीप कुमार और पी कृष्ण कुमार के नाम भी शामिल हैं. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में वकील हरिनाथ नूनेपल्ली, किरणमई मांडवा, सुमति जगदम और न्यापति विजय की जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट में जिन तीन न्यायिक अधिकारियों को प्रोन्नत कर जज बनाए जाने की सिफारिश को गई है उनमें अभय जयनारायण जी मंत्री, श्याम छगन लाल चांडक और नीरज प्रदीप धोते शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में वकील रविंद्र कुमार अग्रवाल, गुजरात हाईकोर्ट में न्यायिकअधिकारी विमल कन्हैया लाल व्यास को जज बनाने की सिफारिश की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायिक अधिकारियों शैलेंदर कौर और रविंदर डुडेजा को जज बनाए जाने की सिफारिश की गई है.
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