हरिद्वार में चल रहे 'कुंभ मेले' और कोरोना के बेताहाशा मामलों के बीच 'चुनाव' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले और कोरोना के साए के बीच कराए जा रहे चुनावों को लेकर याचिका दायर की गई है.

हरिद्वार में चल रहे 'कुंभ मेले' और कोरोना के बेताहाशा मामलों के बीच 'चुनाव' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कुंभ में जुटी भीड़ पर चिंता जाहिर की गई है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले और कोरोना के साए के बीच कराए जा रहे चुनावों को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिका में  भीड़भाड़ और लोगों के जमावड़े को रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है. याचिका में पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर अभियान रैलियों से उत्पन्न खतरे पर प्रकाश डाला गया है. इसके अलावा सुधारात्मक कदम उठाने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है. नोएडा निवासी संजय कुमार पाठक द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि लाखों लोग COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन किए बिना कुंभ मेले में भाग ले रहे हैं. ना चेहरे पर मास्क लगा रहे हैं और ना ही सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं.

याचिका में कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 13 से 14 अप्रैल के बीच हरिद्वार में 1000 से अधिक COVID-19 मामले सामने आए. उन्होंने बताया कि मेले में भाग लेने वाले निर्वाणी अखाडा के प्रमुख की 15 अप्रैल को COVID-19 के कारण मृत्यु हो गई. याचिका में मांग की गई कि कुंभ मेले के लिए हरिद्वार में लोगों को आमंत्रित करने वाले सभी विज्ञापनों को तुरंत वापस लेने के लिए केंद्र और उत्तराखंड की सरकारों को निर्देशित करें. 

केंद्र, उत्तराखंड और एनडीएमए हरिद्वार शहर से भीड़ को जल्द से जल्द हटाने और मेले  से अपने मूल स्थानों पर लौटने वाले लोगों के संबंध में एक सुरक्षा प्रोटोकॉल निर्धारित करते हैं. याचिका के अनुसार भारत के प्रत्यक्ष चुनाव आयोग  उन स्थानों पर COVID-19 दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करे  जहां चुनाव हो रहे हैं. याचिका में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी और निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया है. साथ ही अपील की गई है कि केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को तत्काल प्रभाव से हरिद्वार के कुंभ मेले में लोगों को आमंत्रित करने का विज्ञापन देने से रोका जाए.

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याचिका में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कहा गया है कि देश भर में रोजाना दो लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाएं लचर साबित हो रही हैं. अस्पतालों और अंतिम संस्कार स्थलों में जगह नहीं बची है.  कई शहरों में जरूरी दवाओं की किल्लत हो गई है. याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्री और सरकारी बाबू कहते हैं कि कोरोना के तेजी से बढ़ने का कारण लोगों की लापरवाही है, लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं.  लेकिन  हरिद्वार के कुंभ मेले और चुनाव रैलियों में लोगों के आने को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
 ये रवैया विरोधाभासी है.