Parliament Monsoon Session Update: संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते कार्यवाही बुरी तरह बाधित हुई है.आज जब संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों का हंगामा शुरू हो गया. लगातार हंगामे के कारण दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 और फिर दोपहर दो बजे और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक स्थगित करनी पड़ी. दोपहर 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सांसद पेगासस जासूसी मामले के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर गर्भगृह में पहुंच गए. इन पोस्टरों में 'प्रधानमंत्री जासूसी करना बंद करो' और 'प्रधानमंत्री जवाब दो' पर लिखा हुआ था. इस हंगामे के चलते उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी. दोपहर 2 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा और कार्यवाही 3 बजे और फिर चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी. बाद में कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. दरअसल, विपक्ष, पेगागस और किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हमलावर बना हुआ है. सुबह 11 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति वेंकैया नायडू ने करगिल विजय दिवस पर देश के बहादुर सैनिको को सराहा. सदन में सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा. राज्यसभा ने जापान के तोक्यो शहर में चल रहे ओलिंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू को भी बधाई दी
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हंगामे की वजह से उच्च सदन यानी राज्यसभा में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया. बैठक शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सभापति एम वेंकैया नायडू शून्यकाल के तहत भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी का नाम पुकारा और उनसे उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा लेकिन इसी बीच कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर दिए गए अपने नोटिसों का जिक्र किया. सभापति ने कहा कि उन्हें नियम 261 के तहत, कामकाज स्थगित कर कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, द्रमुक के तिरूचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय सहित कुछ सदस्यों के नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने इन नोटिसों को मंजूरी नहीं दी है. नायडू ने कहा कि आज शून्यकाल के तहत अलग अलग मुद्दे उठाने के लिए उन्हें 12 सदस्यों से नोटिस प्राप्त हुए हैं और विशेष उल्लेख भी है. इसके अलावा अन्य कामकाज भी होना है.इस बीच विपक्षी सदस्यों ने अपनी अपनी मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया.
उधर, स्पीकर ओम बिरला को भी हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. कार्यवाही स्थगित करने से पहले स्पीकर ने हंगामा करने वालों के प्रति सख्त रुख दिखाया. उन्होंने कहा कि सरकार जवाब देना चाहती है, आप जवाब चाहते हैं तो अपनी जगह पर जाएं. बिरला ने कहा, 'नारेबाजी कर जवाब मांगते हैं फिर जवाब सुनते भी नहीं, यह उचित नहीं है. जनता ने आपको सदन में उनके मुद्दे और समस्याएं उठाने के लिए भेजा है लेकिन जनता के मुद्दे सामने लाने की जगह आप नारेबाजी और हंगामा कर रहे हैं.हंगामे और नारेबाजी से आप लोग सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं.हंगामा करने वाले सदस्यों का यह आचरण उचित नहीं है.' बाद में कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी
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राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सांसद शांतनु सेन (Shantanu Sen) को मौजूद सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने के सभापति के निर्णय के बाद तो विपक्ष को मानो एक और मुद्दा मिल गया है. वह निलंबन मामले को लेकर भी सरकार पर निशाना साध रहा है.नए कृषि कानूनों के खिलाफ आम आदमी पार्टी के सांसदों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि जब तक यह मौत का वारंट वापस नही तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.पार्टी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव भी दिया है.गौरतलब है कि शुक्रवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते दोनों सदनों-राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.
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