World No Tobacco Day 2022: हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. यह तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. हम सभी इस बात से तो अवगत हैं कि तंबाकू से सेहत पर बहुत नुकसान होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है. मानव लागत के अलावा तंबाकू के सेवन से पर्यावरण भी खराब होता है. तंबाकू की खपत उन कारकों में से एक है, जो माना जाता है कि 2030 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा को पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिसका उद्देश्य उस समय तक तंबाकू से संबंधित मौतों को एक तिहाई कम करना है. यहां वर्ल्ड टोबैको डे का इतिहास (World No Tobacco Day History), इसके साथ ही वर्ल्ड टोबैको डे का महत्व (World No Tobacco Day Significance) और थीम के बारे में जानें.
वर्ल्ड नो टोबैको डे की थीम | World No Tobacco Day Theme
डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश 1987 में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए सहमत हुए. तब से इस दिन को हर साल एक रेलिवेंट थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल की थीम "पर्यावरण की रक्षा करें" है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, "पर्यावरण पर तंबाकू उद्योग का हानिकारक प्रभाव बहुत बड़ा है और हमारे ग्रह के पहले से ही दुर्लभ संसाधनों और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर अनावश्यक दबाव डाल रहा है."
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास | History Of World No Tobacco Day
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने 1987 में वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने का प्रस्ताव WHA40.38 पारित किया. सभा ने 7 अप्रैल, 1988 को 'विश्व धूम्रपान निषेध दिवस' घोषित करने का आह्वान किया. सभा ने अंततः 1988 में इसे पारित किया और 31 मई को हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था.
कैसे मनाया जाता है विश्व तंबाकू निषेध दिवस | How Is World No Tobacco Day Celebrated?
विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिए उनके प्रयासों और योगदान के लिए सम्मानित करता है. इस साल, WHO ने झारखंड को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (WNTD) पुरस्कार-2022 के लिए चुना है. भारत तंबाकू सेवन के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम चलाता है. यह नीतियों और पहलों को तैयार करने में भी मदद करता है जो देश को अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं. इस कार्यक्रम को 2012 में झारखंड तक फैलाया किया गया था.
तंबाकू का स्वास्थ्य पर प्रभाव | Health Effects Of Tobacco
तंबाकू के सेवन से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है, जो ज्यादातर सिगरेट पीने के इतिहास वाले लोगों को प्रभावित करता है. फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लगभग 80 से 90 प्रतिशत लोगों का तंबाकू धूम्रपान का इतिहास रहा है. तम्बाकू पुरुषों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण है और महिला और पुरुषों के लिए दूसरा प्रमुख कारण है.