Honeymoon Cystitis: हनिमून सिस्टाइटिस या हनीमून डिजीज यौन क्रिया के कारण होने वाली समस्या है. इसके लक्षण यौन संबंध के अलावा किसी अन्य कारण से पैदा होने वाले सिस्टिटिस के समान ही होते हैं, जिसमें यूरिन डिस्चार्ज के दौरान जलन होना और बार-बार यूरिन डिस्चार्ज की जरूरत महसूस होना शामिल हैं. आमतौर पर यह समस्या 20 से 30 साल की महिलाओं को होती है. खुद को हाइड्रेट रखकर यौन क्रिया के बाद यूरीन पास करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखकर इससे बचा जा सकता है. आइए जानते हैं क्या है हनीमून सिस्टाइटिस और कैसे इससे बचा जा सकता है.
क्या है हनीमून सिस्टाइटिस? (About Honeymoon Cystitis)
हनीमून सिस्टिटिस की समस्या महिलाओं को पहली बार यौन क्रिया के बाद या बहुत लंबे समय के बाद यौन संबंध बनाने के बाद हो सकती है. यौन संबंध के दौरान एनस के आसपास स्किन के नीचे रहने वाले ईकोलाई बैक्टीरिया यूरेथ्रा में चले जाते हैं, जिसके कारण यूरिन डिस्चार्ज के दौरान जलन महसूस हो सकती है और बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होने लगती है.
कितना आम है हनीमून सिस्टिटिस
पचास फीसदी महिलाओं को कभी न कभी जीवन में एक बार हनीमून सिस्टिटिस का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि इसके कारण केवल 4 फीसदी महिलाओं को ब्लैडर इंफेक्शन होता है. यह 20 से 30 साल की महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है और सिंगल रहने वाली महिलाओं में पचास साल के बाद इसकी शिकायत बढ़ रही है.
पुरुषों को क्यों नहीं होता हनीमून सिस्टिटिस? (Why man don't get Honeymoon Cystitis)
महिलाओं में यूरेथ्रा पुरुषों के मुकाबले छोटा होता है इसलिए उन्हें ब्लैडर इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है. छोटे उरेथ्रा के कारण ईकोलाई बैक्टीरिया आसानी से यूरेथ्रा तक पहुंच जाते हैं.
ब्लैडर इंफेक्शन से बचाव (Avoiding and Treating Bladder Infection)
बहुत सारा पानी पीने और बार बार यूरिन डिस्चार्ज करने से ब्लैडर इंफेक्शन का खतरा कम हो सकता है. सेक्स के बाद यूरिन डिस्चार्ज करने से उरेथ्रा में गए ईकोलाई बैक्टीरिया निकल जाने की संभावना रहती है. इसके साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत रखकर भी ब्लैडर इंफेक्शन से बचाव संभव है.
एंटीबायोटिक से उपचार (Treating Honeymoon cystitis with antibiotics)
एंटीबायोटिक से आसानी से हनीमून सिस्टाइटिस का उपचार संभव है. अगर बार बार ब्लैडर इंफेक्शन की समस्या हो रही हो तो एंटीबायोटिक से उपचार जरूरी है. हो सकता है एंटीबायोटिक का हल्का डोज लंबे समय तक लेने की जरूरत पड़े. सामान्य रूप से यह तीन दिन के डोज से ठीक हो जाता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.