Good Fats vs. Bad Fats: जानिए क्या होता है 'ट्रांस फैट' और 'सैचुरेटेड फैट', कैसे प्रभावित करता है शरीर को

कुछ फैट (Fat) शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं. इन्हें बैड फैट (Bad Fats) कहा जाता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज, दिल से जुड़ी बिमारी, हाई ब्लडप्रेशर, कैंसर तक हो सकता है. तो ऐसे में आज हम यहां 'ट्रांस फैट' (Trans Fat) और 'सैचुरेटेड फैट' (Saturated Fat) के बारे में बता रहे हैं. इनका बॉडी पर क्या असर होता है ये भी जानिए.

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Good Fats vs. Bad Fats: फैट को हेल्थ के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं माना जाता है. लेकिन इसके परे एक सच्चाई ये भी है कि कुछ फैट हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी है. अच्छे फैट (Good Fats) पाचन और हार्मोन के लेवल को सही रखते हैं. जबकि कुछ फैट (Fat) शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं. इन्हें बैड फैट (Bad Fats) कहा जाता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज, दिल से जुड़ी बिमारी, हाई ब्लडप्रेशर, कैंसर तक हो सकता है. तो ऐसे में आज हम यहां 'ट्रांस फैट' (Trans Fat) और 'सैचुरेटेड फैट' (Saturated Fat) के बारे में बता रहे हैं. इनका बॉडी पर क्या असर होता है ये भी जानिए.

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सैचुरेटेड फैट क्या होता है?

ज्यादातर सैचुरेटेड फैट एनिमल फैट होते हैं. वे उच्च वसा वाले मांस और दूध, मक्खन, पनीर, आइसक्रीम जैसे डेयरी उत्पादों में पाए जाते हैं. बहुत ज्यादा सैचुरेटेड फैट खाने से LDL (बैड) कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है.

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सैचुरेटेड फैट का शरीर पर असर?

दरअसल, कोलेस्ट्रॉल लीवर में बनता और टूटता है. अगर शरीर में ज्यादा सैचुरेटेड फैट जाता है तो ये कोलेस्ट्रॉल को हैंडल करने के अपने तरीके को बदल देता है. हमारे लीवर की कोशिकाओं में एलडीएल रिसेप्टर्स होते हैं. जब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल रक्त में से गुजरता है, तो ये रिसेप्टर्स कोलेस्ट्रॉल को रक्त से निकालकर लिवर में ब्रेक कर देते हैं. ज्यादा सैचुरेटेड फैट खाने से रिसेप्टर्स अच्छी तरह से काम करना बंद कर देते हैं और रक्त में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है. सैचुरेटेड फैट वाले फूड में कटौती से कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करने में मदद मिल सकती है.

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ट्रांस फैट क्या होता है और शरीर पर असर?

ट्रांस फैट पार्शियली हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल्स वैले फूड में होता है. ये आपके लिए सबसे खराब फैट हैं. फ्रेंच फ्राइज़, डोनट्स, डीप-फ्राइड फास्ट फूड जैसे तले हुए फूड में ये आपको मिलता है. सैचुरेटेड फैट की तरह, ट्रांस फैट LDL (बैड) कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है और HDL (गुड) कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है.

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सैचुरेटेड फैट का शरीर पर असर?

डॉक्टर्स  मानते हैं कि शरीर में ट्रांस फैट के बढ़ने से सूजन का जोखिम बढ़ जाता है. शरीर में सूजन से हृदय रोग, मधुमेह और स्ट्रोक हो सकते हैं. ट्रांस फैट से कैंसर जैसी घातक बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. ट्रांस फैट से बचने के लिए, प्रोडक्ट्स पर लगे लेबल को ध्यान से पढ़ना महत्वपूर्ण है. अगर लेबल पर लिखे इंग्रेडिएंट्स में पार्शियली हाइड्रोजेनेटेड आइटम की जानकारी है तो उसे न खाएं. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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