महिलाओं की तुलना में पुरुषों को समय से पहले मौत का खतरा ज्यादा, महिलाएं पूरे जीवनकाल में रहती हैं पुरुष से ज्यादा बीमार : रिसर्च

महिलाओं की तुलना में पुरुषों को समय से पहले मौत का खतरा बहुत ज्यादा होता है, लेकिन वहीं महिलाओं के अपने जीवनकाल में बीमार रहने का खतरा ज्यादा होता है. लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए वैश्विक शोघ में यह बात सामने आई है.

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लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए वैश्विक शोघ में यह बात सामने आई है.

महिलाओं की तुलना में पुरुषों को समय से पहले मौत का खतरा अधिक होता है, लेकिन वहीं महिलाओं के अपने जीवनकाल में बीमार रहने का खतरा ज्यादा होता है. लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए वैश्विक शोघ में यह बात सामने आई है. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021 के आंकड़ों पर आधारित यह निष्कर्ष पिछले 30 वर्षों में 20 प्रमुख बीमारियों से जूझ रहे महिलाओं और पुरुषों के बीच जोखिम के भारी अंतर को दिखाते हैं. यह स्वास्थ्य के प्रति लिंग आधारित दृष्टिकोण की जरूरत को भी रेखांकित करता है.

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मसक्यूलोस्केलेटल बीमारियां, मानसिक स्वास्थ्य और सिरदर्द जैसी बीमारियां, जो हालांकि घातक नहीं मानी जाती हैं लेकिन खराब स्वास्थ्य के लिए उत्तरदायी जरूर होती हैं, महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती हैं. ये बीमारियां उम्र के साथ बढ़ती चली जाती है और चूंकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा समय तक जीवित रहती हैं, इसलिए उन्हें जीवन भर बीमारी और दिव्यांगता का सामना ज्यादा करना पड़ता है.

कोविड-19, सड़क हादसे, हार्ट डिजीज, श्वसन और लिवर रोग पुरुषों की असामयिक मृत्यु का कारण बनते हैं:

अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) में लुइसा सोरियो फ्लोर ने कहा, "अध्ययन में एक प्रमुख बिंदु यह सामने आया है कि महिलाएं और पुरुष कई जैविक तथा सामाजिक मामलों में अलग होते हैं जो समय के साथ घटते-बढ़ते और कभी-कभी एकत्र होते जाते हैं जिसकी वजह से जीवन के प्रत्येक चरण और दुनिया भर के अलग-अलग क्षेत्रों में उनकी बीमारियां भी अलग-अलग होती हैं."

डॉ. लुइसा ने कहा, "अब चुनौती कम उम्र से और कई आबादी में रोगों की संख्‍या और समयपूर्व मृत्यु के प्रमुख कारणों को रोकने और इलाज करने के लिए लिंग और लिंग-सूचित तरीकों का मूल्यांकन करना है."

इस्केमिक हार्ट डिजीज, फेफड़ों का कैंसर और क्रोनिक किडनी जैसी गंभीर बीमारियां कम उम्र में पुरुषों को प्रभावित करती हैं और जीवन भर बढ़ती रहती हैं. साल 2021 के आंकड़ों के अनुसार, कोविड ने महिलाओं की तुलना में पुरुषों को 45 प्रतिशत ज्यादा प्रभावित किया.

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लुइसा ने कहा, "इस अध्ययन के लिए यह समय बिल्‍कुल सही है, क्योंकि कोविड-19 ने हमें स्पष्ट रूप से यह बता दिया है कि लिंग भेद स्वास्थ्य परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं."

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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