डॉक्‍टर ने बताया मेनोपॉज और पेरीमेनोपॉज में कैसा महसूस करती हैं महिलाएं, वजन बढ़ने से लेकर नींद की कमी तक, जानें 8 बड़े लक्षण

Common Symptoms Of Perimenopause And Menopause: आइए जानते हैं उन 8 लक्षणों के बारे में जो मेनोपॉज के दौरान अक्सर देखने को मिलते हैं:

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Common Symptoms Of Perimenopause And Menopause.

Common Symptoms Of Perimenopause And Menopause: महिलाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, उनके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं. यह सफर 'पेरीमेनोपॉज' (Perimenopause) से शुरू होकर 'मेनोपॉज' (Menopause) तक जाता है. यह एक प्राकृतिक बदलाव है, लेकिन कई बार यह शारीरिक और मानसिक रूप से काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

हाल ही में डॉ. विशाखा ने इंस्टाग्राम पर इस विषय में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि पेरीमेनोपॉज के दौरान महिलाओं को किन आम समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डॉ. विशाखा कहती हैं, "सबसे जरूरी बात यह है कि आपको इन तकलीफों को चुपचाप सहने की जरूरत नहीं है. सही इलाज और लाइफस्टाइल (Lifestyle Changes) में बदलाव के जरिए इस मुश्किल दौर को आसान बनाया जा सकता है."

आइए जानते हैं उन 8 लक्षणों के बारे में जो मेनोपॉज के दौरान अक्सर देखने को मिलते हैं:

मेनोपॉज के कारण महिलाओं में दिखाई देते हैं ये 8 लक्षण | Common Symptoms Of Perimenopause And Menopause

1. वजन का बढ़ना (Weight Gain)

मेनोपॉज के दौरान वजन बढ़ना सबसे आम समस्या है. पेरीमेनोपॉज के दौरान महिलाएं अक्सर हर साल 0.5 किलो से 1.5 किलो तक वजन बढ़ा लेती हैं. मेनोपॉज तक पहुंचते-पहुंचते कुल वजन में 10 किलो तक का इजाफा हो सकता है. शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव इसका मुख्य कारण होते हैं.

2. पुरानी थकान (Chronic Fatigue)

यह कोई मामूली थकान नहीं है. मेनोपॉज वाली थकान में इंसान शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह खाली महसूस करता है. कई बार भरपूर आराम के बाद भी यह थकान कम नहीं होती. रात में पसीना आने (Night Sweats) और अचानक गर्मी लगने के कारण नींद बार-बार टूटती है, जिससे दिनभर थकावट बनी रहती है.

3. रात में पसीना आना (Night Sweats)

सोते समय अचानक बहुत ज्यादा पसीना आना पेरीमेनोपॉज का एक बड़ा लक्षण है. यह इतना ज्यादा हो सकता है कि आपके कपड़े और बिस्तर तक भीग जाएं. ये एपिसोड आमतौर पर 1 से 5 मिनट तक चलते हैं, लेकिन कभी-कभी 10 मिनट तक खिंच सकते हैं या एक ही घंटे में कई बार हो सकते हैं.

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4. ब्रेन फॉग (Brain Fog)

'ब्रेन फॉग' कोई बीमारी नहीं बल्कि मानसिक धुंधलेपन की एक स्थिति है. इसमें महिलाएं चीजें भूलने लगती हैं, किसी काम में ध्यान लगाने (Concentrate) में दिक्कत होती है और दिमाग थोड़ा सुस्त महसूस करता है. नींद की कमी और रात के पसीने की वजह से यह समस्या और भी बढ़ जाती है.

5. नई या बढ़ती एलर्जी (Allergies)

क्या आप जानते हैं कि मेनोपॉज के दौरान आपको अचानक किसी नई चीज से एलर्जी हो सकती है? एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उतार-चढ़ाव की वजह से पुरानी एलर्जी बिगड़ सकती है या नई एलर्जी शुरू हो सकती है.

6. यूरिनरी समस्याएं (Urinary Dysfunction)

पेशाब से जुड़ी दिक्कतें मेनोपॉज की पहचान हैं. 'हॉट फ्लैशेस' जैसे लक्षण तो समय के साथ ठीक हो सकते हैं, लेकिन यूरिनरी समस्याएं (जैसे बार-बार पेशाब आना या कंट्रोल न होना) बिना इलाज के वक्त के साथ बढ़ती ही जाती हैं.

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7. वेजाइनल ड्राईनेस (Vaginal Dryness)

मेनोपॉज में वेजाइनल एरिया में लगातार सूखापन, जलन या खुजली महसूस हो सकती है. वहां की त्वचा पतली होने लगती है. यह एक ऐसी समस्या है जो अपने आप ठीक नहीं होती, इसके लिए डॉक्टरी परामर्श और सही इलाज जरूरी है.

8. नींद में खलल (Sleep Disturbances)

नींद न आना मेनोपॉज की सबसे परेशान करने वाली समस्याओं में से एक है. इसमें कभी-कभी बेचैनी से लेकर पुरानी अनिद्रा (Insomnia) तक हो सकती है. पोस्ट-मेनोपॉजल महिलाओं में 'स्लीप एप्निया' (नींद में सांस रुकना) होने का खतरा मेनोपॉज से पहले की तुलना में दो से तीन गुना ज्यादा होता है.

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अगर ये लक्षण आपके दैनिक जीवन या जीने की गुणवत्ता (Quality of life) को प्रभावित कर रहे हैं, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें. डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि मेडिकल साइंस और बेहतर खान-पान से इन लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है.

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