अकेलेपन से दक्षिण कोरिया में पिछले साल 3,600 से ज्यादा लोगों की हुई मौत : रिपोर्ट

कोरियाई भाषा में कोडोस्का (अकेलेपन से मौत) वो स्थिति होती है जब कोई इंसान अकेलेपन की वजह से मौत को गले लगा लेता है. वह शख्स सामाजिक तौर पर लोगों से कट जाता है या फिर उम्र संबंधी बीमारी का शिकार हो आत्महत्या कर लेता है.

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2022 में आत्महत्या करने वालों की दर 59.5 फीसदी था और 2023 में ये दर 71.7 प्रतिशत था

एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दक्षिण कोरिया में पिछले साल 3,600 से ज्यादा लोगों की मौत अकेलेपन के कारण हुई. इनमें से ज्यादा मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध पुरुष थे. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के आंकड़े बताते है कि 2023 में अकेलेपन से होने वाली मौतों की संख्या 3,661 हो गई, जो पिछले वर्ष 3,559 थी. यह आंकड़ा दर्शाता है कि पिछले साल दक्षिण कोरिया में हर 100 मौतों में से 1.04 मौतें अकेलेपन के कारण हुई.

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अकेलेपन से मौत:

कोरियाई भाषा में कोडोस्का (अकेलेपन से मौत) वो स्थिति होती है जब कोई इंसान अकेलेपन की वजह से मौत को गले लगा लेता है. वह शख्स सामाजिक तौर पर लोगों से कट जाता है या फिर उम्र संबंधी बीमारी का शिकार हो आत्महत्या कर लेता है.

नौकरी का दबाब बड़ा कारण:

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी नोह जंग-हून ने कहा, "ऐसा लगता है कि 20 और 30 की उम्र के लोगों में अकेलेपन से होने वाली मौत, नौकरी पाने में विफलता या नौकरी से निकाल दिए जाने के कारण होती हैं."

उन्होंने कहा, "हम ऐसे लोगों के लिए उन संगठनों तक पहुंच बनाने का प्लान बना रहे हैं जो लोगों को नौकरी दिलाने में मदद करते है. साथ ही उनकी हेल्थ कंडिशन को सुधारने में मदद करने के उपाय भी करते हैं."

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किस उम्र में सबसे ज्यादा मामले?

मौतों के आंकड़ों की बात करें तो 60 साल से ज्यादा आयु के व्यक्तियों में 1,146 मामले सामने आए, 50 साल से ज्यादा आयु के व्यक्तियों में 1,097 और 40 साल से ज्यादा आयु के व्यक्तियों में 502 मामले सामने आए.

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पुरुषों में सबसे ज्यादा मामले:

रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि पुरुषों की संख्या अकेलेपन के कारण होने वाली कुल मौतों में 84.1 प्रतिशत है, जो महिलाओं की संख्या से काफी अधिक है. इस बीच, 2023 में अकेलेपन के कारण होने वाली कुल मौतों में आत्महत्या करने वालों की संख्या 14.1 प्रतिशत थी, जो 2021 में 17.3 प्रतिशत से थोड़ी कम है।

हालांकि 2022 में आत्महत्या करने वालों की दर 59.5 फीसदी था और 2023 में ये दर 71.7 प्रतिशत था। इनकी उम्र 20 वर्ष से ऊपर थी.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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