White Bread In Diabetes: डायबिटीज के मरीजों को अपना खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है. वे अच्छी तरह जानते हैं कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. लेकिन कई बार अनजाने में वे कुछ ऐसी चीजों को खा लेते हैं जिनसे शुगर का लेवल बढ़ जाता है. अमूमन ब्रेड सभी खाते हैं और माना जाता है कि इसमें नुकसान जैसा कुछ भी नहीं होता. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो संभल जाएं, इससे ब्लड शुगर का लेवल अचानक बढ़ सकता है जो जानलेवा हो सकता है. एक अध्ययन में सफेद ब्रेड, सफेद चावल और प्रोसेस्ड मीट को डायबिटीक पेशेंट के लिए खतरनाक बताया गया है. इससे टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा होता है.
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सफेद ब्रेड
सफेद ब्रेड को डायबिटीज के मरीजों को नहीं खाना चाहिए. सफेद ब्रेड गेंहू से बनाई जाती है, वह भी रिफाइंड गेहूं से. जिसमें चोकर नहीं होता है. यही कारण है कि इससे बनने वाली ब्रेड का रंग सफेद होता है. सफेद ब्रेड में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो शरीर में फैट और ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है.
जानिए इसके खाने के नुकसान
सफेद ब्रेड में बाउन ब्रेड या मल्टीग्रेन ब्रेड के मुकाबले कहीं ज्यादा कैलोरी होती है. ज्यादा कैलोरी से वजन बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है. डायबिटीज में वजन बढ़ने से दिल की बीमारियों और हर्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट भी होता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
यही नहीं सफेद ब्रेड में मैदा होता, जिसे पचने में ज्यादा समय लगता है.
होल ग्रेन है बेस्ट ब्रेड
साबुत अनाज को डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है. साबुत अनाज में राई, जौ, जई, बाजारा और एमारैंथ शामिल है. जब इनसे ब्रेड बनाई जाती है तो इसमें प्रोटीन, फाइबर और मिनरल की प्रचुरता होती है. वहीं इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.