Causes Of Joint Pain: हर बार सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द? ये हैं 3 सटीक कारण और दर्द से राहत पाने के उपाय

Joint Pain In Winter: सर्दी जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों की समस्या को और बढ़ा देती है. इस मौसम में ब्लड अच्छी तरह से संचरित नहीं हो पाता है और शरीर के अगले भागों में खून का बहाव बहुत कम हो जाता है. यही कारण है कि सर्दी के मौसम में एक छोटी सी चोट भी तेज और चुभन वाला दर्द पैदा कर सकती है.

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Joint Pain In Winters: सर्दी जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों की समस्या को और बढ़ा देती है

How To Get Rid Of Joint Pain: सर्दी जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों की समस्या को और बढ़ा देती है. इस मौसम में ब्लड अच्छी तरह से संचरित नहीं हो पाता है और शरीर के अगले भागों में खून का बहाव बहुत कम हो जाता है. यही कारण है कि सर्दी के मौसम में एक छोटी सी चोट भी तेज और चुभन वाला दर्द पैदा कर सकती है. बैरोमीटर के दबाव में बदलाव होने से जोड़ों में सूजन हो सकती है. ज्यादा तला भुना खाने, व्यायाम न करना और डिहाइड्रेशन इस समस्या को और बढ़ा देते हैं. सर्दी के मौसम में जोड़ों में दर्द की परेशानी काफी ज्यादा हो सकती है. मौसम से संबंधित जोड़ों का दर्द आमतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटाइइड गठिया से पीड़ित रोगियों में देखा जाता है और यह आमतौर पर कूल्हों, घुटनों, कोहनी, कंधों और हाथों को प्रभावित करता है. गठिया से पीड़ित रोगी वायुदाब परिवर्तनों के प्रति अधिक संवेदनशील लगते हैं. तो कैसे पाएं सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत. क्या खाने से जोड़ों का दर्द रहेगा ठीक. हम आपके सारे सवालों का जवाब दे रहे हैं कि सर्दियों में सर्दियों में जोड़ों के दर्द से कैसे बचा जा सकता है.

सर्दियों  में जोड़ों का दर्द बढ़ने के कारण | Causes Of Increasing Joint Pain In Winter    

सर्दियों में शरीर हार्ट के पास के ब्लड को गर्म रखना चाहता है और इसके कारण जाइंट्स में ब्लड का सर्कुलेशन कम हो जाता है. इसके कारण जोड़ों में अधिक दर्द जकड़न होती है. सर्दियों में उन लोगों को जोड़ों में अधिक दर्द होता है जिन्हें पहले कभी आर्थोपेडिक संबंधी चोट लगी हो, फ्रैक्चर या मोच की समस्या हुई हो या जिनकी हड्डियों को जोड़ा गया हो.

1.  नसों में खिंचाव आना

बारिश और सर्दी में ‘एटमॉसफेरिक प्रेशर' यानी वायुमंडलीय दबाव कम हो जाता है. इससे जोड़ों में सूजन बढ़ने लगती है. ये जोड़ टखने, घुटने, नितम्ब, रीढ़, उंगलियों या शरीर के किसी भी हिस्से के हो सकते हैं. कई बार ये सूजन अंदरूनी होती है. सूजन आने से नसों में खिंचाव पैदा होता है. वे नाजुक हो जाती हैं.

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2.  जोड़ों का कसाव

गर्मी में चीजें फैलती हैं और ठंड में सिकुड़ती हैं. अगर जीवनशैली सुस्त है तो जोड़ों के ऊपर ठंड का असर ज्यादा पड़ता है. कोशिकाएं और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. जोड़ कठोर हो जाते हैं. उनके लचीलेपन में कमी आती है.

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3.  मिलता है कम ऑक्सीजन

सर्दी के दौरान खून की धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह सामान्य ढंग से नहीं हो पाता. शरीर के विभिन्न अंगों तक खून,पानी और ऑक्सीजन की पूर्ति कम हो जाती है. इसकी वजह है कि खून में हिमोग्लोबिन होता है, जो ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाता है.

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कुछ अन्य कारण 

- जोड़ों पर यूरिक एसिड का इकट्ठा होना. 
- कभी-कभी दर्द अनुवांशिक कारणों से भी जोड़ों में दर्द होता है. 
- दर्द कमजोरी के चलते भी होते हैं. 
- बासी खाना खाने, अपच, ठंडी सीलन भरी जगहों में रहना, तनाव इसके प्रमुख कारण हैं.

Joint Pain: सर्दियों में शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है

सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए खाएं ये चीजें-

- खाने में उन चीजों को शामिल करें, जो शरीर को गर्म रखें और वजन न बढ़ने दें. वजन बढ़ना, जोड़ों पर अधिक दबाव डालता है. 

- मसालों में काली मिर्च, हल्दी, दाल चीनी शरीर को गर्म रखते हैं. अखरोट, पिस्ता, काजू, किशमिश, मूंगफली और बादाम मिला कर एक या दो मुट्ठी सूखे मेवे खाना भी फायदेमंद हो सकता है. 

- मौसम्बी, संतरा, कीनू जैसे मौसमी फल और ब्रोकली, हरी सब्जियां या साग जैसे पालक, सरसों या राई का साग जरूर खाएं. इससे गठिया या जोड़ों के दर्द में भी आराम मिल सकता है. 

- जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वालों को विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन डी, ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए. संतरा, पालक, पत्तागोभी और टमाटर खाने से भी राहत मिल सकती है. 

- हर रोज गुड़ खाएं. यह शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है.

- खजूर में विटामिन ए और बी के अलावा पोटैशियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है.

ऐसे रखें सेहत का ख्याल

सबसे अच्छी सलाह यह है कि जितना संभव हो उतना सक्रिय रहें. खूब पानी पिएं और बिना वजन वाले व्यायाम और स्ट्रेचिंग करके जोड़ों को सक्रिय रखें. अगर बीमारी का कम उम्र में ही पता लगा लिया जाए तो दवा से इसे तेजी से ठीक किया जा सकता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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