नई दिल्ली: सरकार गेहूं के आटे, चावल, नमक व खाद्य तेलों को पौष्टिक तत्व सम्पन्न बनाना अनिवार्य करने पर विचार कर रही है, ताकि कुपोषण की समस्या से निपटा जा सके। यहां खाद्य उत्पादों को पौष्टिक तत्व सम्पन्न बनाने से आशय, उनमें ज़रूरी सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाने से है।
इस बीच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने खाद्य पौष्टीकरण (फूड फोर्टिफिकेशन) संबंधी मानकों को परिचालन में लाने का फैसला किया है। हालांकि इस बारे में अंतिम अधिसूचना जारी की जानी है। उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई ने फूड फोर्टिफिकेशन की अनुमति देने के बारे में मसौदा दिशा निर्देश इसी महीने जारी किए थे। एफएसएसएआई खाका तैयार करने के लिए खाद्य पौष्टीकरण पर दो दिवसीय सम्मेलन 16-17 अक्तूबर को आयोजित कर रहा है।
एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि “पौष्टीकरण कुपोषण से निपटने का सस्ता व त्वरित तरीका है। हमने इस बारे में मसौदा नियमन जारी किए थे और लोगों से राय मांगी थी। कुछ राज्य पौष्टीकरण शुरू करना चाहते हैं, इसलिए हम मसौदे को शीघ्र परिचालन में लाएंगे”।
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