नई दिल्ली: अपने रोज़ के आहार में अगर आप ताज़ा और सूखी लाल मिर्च शामिल कर रहे हैं, तो इससे आप कैंसर, दिल, फेफड़ों की बीमारी के साथ डायबिटीज़ जैसी समस्या से दूर रह सकते हैं। हफ्ते में एक दिन तीखा खाने वालों के मुकाबले रोज़ तीखा खाना खाने वालों में 14 प्रतिशत कम मौत का खतरा पाया गया। इसी तरह महिलाएं और पुरूष जो शराब का सेवन नहीं करते, उनमें भी कुछ ऐसे ही लक्षण पाए गए।
ब्रिटिश मेडिकल जरनल (बीएमजे) में प्रकाशित समाचार पत्र में शोधकर्ताओं के अनुसार “तीखे खाने का इस्तेमाल, कैंसर, इस्कीमिक हार्ट और सांस लेने में हो रही परेशानी से दूर रखता है, जो कि पुरुष से ज़्यादा महिलाओं में पाई जाती है”। तीखा खाने वाले लोगों के खाने में अक्सर ताज़ा और सूखी मिर्च इस्तेमाल की जाती है। चाइनीज़ अकैडमी ऑफ मेडिकल साइंसिज़ के शोधकर्ताओं ने इंटरनैशनल टीम के नेतृत्व में रोज़ की डाइट में तीखा खाने वाले लोगों के अंदर कुल खतरे और मौत के कारण को जांचने की कोशिश की।
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उन्होंने शोध को पूरा करने के लिए 30 से 79 की उम्र वाले करीब 487,375 प्रतियोगियों को चुना। इस दौरान इन सभी प्रतियोगियों को एक फॉर्म भरने के लिए दिया गया, जिसमें उनसे उनके साधारण स्वास्थ्य, शारीरिक माप, मसालेदार खाद्य पदार्थों की खपत, लाल मीट, शराब और सब्जियों के बारे में पुछा गया। उन्होंने पाया कि हफ्ते में एक दिन तीखा खाने वालों के मुकाबले हफ्ते में दो से तीन बार तीखा खाने वालों में 10 प्रतिशत कम मौत का खतरा है।
साथ ही जो लोग हफ्ते में तीन से पांच और छह या सात बार तीखा खाते हैं, उनमें 14 प्रतिशत कम मौत का खतरा पाया गया। लेखक के अनुसार “ताज़ा मिर्च में बायोएक्टिव सामग्री जैसे कैपसाइसिन, विटामिन-सी समेत न्यूट्रीयंट्स ही ऐसा होने की वजह है”।
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पहले हुई शोध के अनुसार मसाले, शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद बायोएक्टिव सामग्री जैसे कैपसाइसिन में एंटी-कैंसर, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेशन गुण होते हैं।