Benefits of Black Sesame Seeds: भारतीय पकवानों में आज से नहीं सालों से बीजों का इस्तेमाल होता आया है. कई बीमारियों का इलाज हमारे किचन में ही मौजूद होता है. जो ना सिर्फ खाने के स्वाद को दोगुना करते हैं बल्कि हमारे शरीर में होने वाली परेशानियों को भी दूर करते हैं. तो बात करते हैं ऐसे बीज के बारे में जो हर किसी के किचन में आसानी से पाया जाता है. हम बात कर रहे हैं छोटे छोटे दिखने वाले काले तिल की. तिल में कई आयुर्वेद के गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. इनका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.
यह जायका बढ़ाने के साथ साथ प्रोटीन के खजाने से भरपूर होता है. जो नए सेल्स को बनाने के लिए बहुत ही जरूरी होता है. तिल में मैग्नीशियम, कैल्शियम, पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-6, आयरन फाइबर और कई सारे न्यूट्रिंशंस भी अच्छी खासी मात्रा में मौजूद होते हैं. तिल में पाए जाने वाले तत्व हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने का काम करते हैं.
आयरन के खजाने से भरपूर काला तिल हीमोग्लोबिन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और इसके साथ ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या को भी कम करता है. काले तिल में मौजूद मैग्नीशियम शरीर में ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है. बीपी के मरीजों को अपने डाइट में तिल के बीजों और इसके तेल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. तो चलिए आपको बताते हैं काले तिल का सेवन करने से और क्या-क्या फायदे होते हैं.
काले तिल को डाइट में शामिल करने के फायदे (Benefits of including black sesame in the diet)
बीपी मरीजों के लिए क्यों अच्छा है काला तिल
काले तिल मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता हैं. काला तिल स्ट्रोक, हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में कारगर है और हाइपरटेंशन की संभावना को भी कम करते हैं. इसके साथ ही छोटे-छोटे दिखने वाले इन बीजों में सेसामिन नाम का कम्पाउंड भी होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है.
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हड्डियां होती हैं मजबूत
मैग्निशियम, फाइबर, आयरन, फैटी एसिड, जिंक के अलावा काले में तिल में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं. काले तिल में कैल्शियम की मात्रा जोड़ों में दर्द या सूजन को कम कर हड्डियों को भी मजबूत करने में मदद करता है.
डायबिटीज को रोकने में करता है मदद
तिल के बीज में मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं. इनका इस्तेमाल करने पर हाइपर सेंसिटिव डायबिटीज के मरीजों में प्लाज्मा ग्लूकोज का लेवल भी संतुलित रहता है.
पाचन तंत्र मजबूत करता है तिल
आजकल की लाइफस्टाइल ऐसी है कि कई बार पाचन की समस्या लोगों में काफी हो जाती है. ऐसे में काला तिल आपकी मदद कर सकता है. काले तिल में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. इसके सेवन से कब्ज और अपच जैसी परेशानी दूर हो सकती है.
इम्यूनिटी करता है बूस्ट
सर्दियों के मौसम में काले तिल का इस्तेमाल करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है.काले तिल में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जिससे शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इससे मौसमी बीमारियां होने के चांस कम हो जाते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)