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Study in Bhojpuri: यहां शुरू होगी भोजपुरी में पढ़ाई, स्टूडेंट्स कर सकेंगे ऑनलाइन क्लासेस

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) में अब से भोजपुरी की  ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की जा रही है. जिसे लेकर  परिचर्चा का आयोजन किया गया.  

Study in Bhojpuri: यहां शुरू होगी भोजपुरी में पढ़ाई, स्टूडेंट्स कर सकेंगे ऑनलाइन क्लासेस
नई दिल्ली:

Online Course in Bhojpuri: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) में अब से भोजपुरी की  ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की जा रही है. जिसे लेकर  परिचर्चा का आयोजन किया गया.  "भोजपुरी की ऑनलाइन पढ़ाई और विश्व की युवा शक्ति को जोड़ने–जगाने का प्रयास" जिसमें बतौर मुख्य अतिथि डॉ. सरिता बुधू ने भोजपुरी के पाठ्यक्रम निर्माण एवं इसके विकास पर एक सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया. डॉ. बुधू ने भोजपुरी को लोक की भाषा बताते हुए इसके प्रसार एवं उपयोग पर बल दिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग कर भोजपुरी को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. डॉ. बुधू भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन, मॉरीशस की पूर्व चेयरपर्सन व भोजपुरी आंदोलन की अगुआ हैं.

भोजपुरी को बढ़ावा देना है जरूरी

इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कवि और भोजपुरी स्कॉलर मनोज भावुक ने कहा कि भोजपुरी की ऑनलाइन पढ़ाई गिरमिटिया देशों के युवाओं को जोड़ने-जगाने के अभियान का ही हिस्सा है. दो वर्षों से मैं डेटाबेस तैयार कर रहा हूं. आज मॉरीशस, फ़िजी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद-टोबैगो आदि गिरमिटिया देशों व अमेरिका-यूरोप-गल्फ कंट्रीज, नेपाल आदि देशों के भोजपुरी योद्धा कलमकार, कलाकार व एक्टिविस्ट की लंबी फेहरिस्त है मेरे पास. लगभग 200 टीम लीडर. भोजपुरी जंक्शन के महिला कथा अंक में 14 देशों के 100 महिलाओं की 100 भोजपुरी कहानियां छापी मैंने. भोजपुरी जंक्शन का गिरमिटिया विशेषांक, अचीवर्स जंक्शन का भारत-मॉरीशस महोत्सव, आगरा और दिल्ली में आयोजित भारत-मॉरीशस मैत्री कवि-सम्मेलन आदि.

मॉरीशस में भोजपुरी का सर्टिफिकेट कोर्स

हाल ही में एमजीआई मॉरीशस में भोजपुरी का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू हुआ है. उन्हें भी भारत से भोजपुरी कंटेंट देने का प्रयास है. कैलिफोर्निया व बर्लिन में भोजपुरी पर शोध जारी है. यूनेस्को में गीत-गवाई हेरिटेज के रूप में शामिल है. छठ के लिए प्रयास जारी है. सफलता के लिए सामूहिक प्रयास व जागरण जरूरी है. इसीलिए है यह ऑनलाइन पढ़ाई ताकि दुनिया का भोजपुरी के सामर्थ्य से साक्षात्कार हो. बतौर संयोजक मैं दुनिया के भोजपुरी देशों को जोड़ने का प्रयास और एनआईओएस में भोजपुरी कोर्स के निर्माण के लिए मटेरियल उपलब्ध कराने में सहयोग करता रहूंगा.

भोजपुरी की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करेगें

कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक (शैक्षिक) डॉ. राजीव कुमार सिंह के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि बहुत जल्द हम भोजपुरी की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करेगें. विद्यार्थी सहायता सेवाएं निदेशक एस विजय कुमार तथा व्यावसायिक शिक्षा निदेशक टी एन गिरी ने भी भाषा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए. संस्थान के सचिव शकील अहमद ने कहा कि भाषा अंतर्मन के सबसे करीब होती है और यह हमारे मन के उद्गार को अभिव्यक्त करने का माध्यम है. वहीं सुनीता पहुजा ने मॉरिशस में अपने अनुभव साझा करते हुए भोजपुरी को चेतना की भाषा बताया और अपनी एक कविता से श्रोताओं को भावविभोर किया. कार्यक्रम का समापन मनोज भावुक के गजल-पाठ से हुआ.

दूसरे दिन भोजपुरी की पढ़ाई के लिए सिलेबस क्या हो, पूरे विश्व के युवाओं को भोजपुरी से कैसे जोड़ा जाए और आज की टेक्नोलॉजी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके विषय को रुचिकर कैसे बनाया जाय, इस पर बातचीत की गई और नये वर्ष में कोर्स शुरू करने की योजना बनी. कार्यक्रम का संचालन उपनिदेशक (शैक्षिक) डॉ. बालकृष्ण राय ने किया.

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