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कर्नाटक में सीईटी परीक्षा केंद्र पर छात्रों से जनेऊ उतारने के लिए कहे जाने पर विवाद, जानें पूरा मामला

कर्नाटक में सीईटी परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को एंट्री करने से पहले कुछ छात्रों को कथित तौर पर जनेऊ उतारने के मामले पर विवाद हो गया है.

कर्नाटक में सीईटी परीक्षा केंद्र पर छात्रों से जनेऊ उतारने के लिए कहे जाने पर विवाद, जानें पूरा मामला
Karnataka CET exam Controversy
नई दिल्ली:

Karnataka CET exam Controversy: कर्नाटक के बीदर और शिवमोगा जिलों के केंद्रों पर सीईटी परीक्षा हॉल में एंट्री करने से पहले कुछ छात्रों को कथित तौर पर जनेऊ (ब्राह्मणों द्वारा पहना जाने वाला धागा) उतारने के लिए कहा गया, जिससे विवाद पैदा हो गया. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है. व्यावसायिक कोर्सेस में एडमिशन के लिए छात्रों का सलेक्सन के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) आयोजित की जाती है. अधिकारियों के अनुसार, बीदर में एक छात्र को बृहस्पतिवार सुबह गणित का पेपर दिए बिना ही घर लौटना पड़ा, क्योंकि साईं स्फूर्ति कॉलेज में परीक्षा केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी ने कथित तौर पर उससे परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले जनेऊ उतारने को कहा.

जानिए क्या है पूरा मामला

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “लड़के ने स्टाफ (तलाशी दल में शामिल पुलिस कर्मियों) से गुहार लगाई कि उसे केंद्र में जाने दिया जाए, क्योंकि जनेऊ पहनने से उसके किसी कदाचार में शामिल होने की गुंजाइश नहीं है. हालांकि, स्टाफ ने उसे यह कहते हुए प्रवेश नहीं दिया कि इससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सकता है. उससे कहा गया कि वह जनेऊ हटाकर परीक्षा केंद्र में जाए. लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और गणित का पेपर दिए बिना ही केंद्र से चला गया.”

हालांकि, बाद में (बृहस्पतिवार) दोपहर को लड़के को जनेऊ पहनकर जीव विज्ञान की परीक्षा देने की अनुमति दे दी गई. अधिकारियों ने बताया कि इसी छात्र ने एक दिन पहले बिना किसी समस्या के जनेऊ पहनकर भौतिकी और रसायन विज्ञान की परीक्षा भी दी थी. बीदर में आज पत्रकारों से बात करते हुए परीक्षा देने से चूके छात्र ने कहा, “कॉलेज प्रबंधन और पुलिस जैसे दिखने वाले तीन लोगों ने मुझसे जनेऊ उतारकर आने को कहा. उन्होंने मुझसे कहा कि इसके बाद ही मुझे पेपर देने की अनुमति दी जाएगी.”

यह पूछे जाने पर कि क्या केवल उन्हें ही या अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया था, उन्होंने कहा, “केवल मुझे ही ऐसा करने के लिए कहा गया था, अन्य लोगों को जांच के बाद सामान्य रूप से अनुमति दी गई थी. मैंने उनसे कहा कि ब्राह्मण समुदाय में जनेऊ हटाने की अनुमति नहीं है और मुझे भौतिकी व रसायन विज्ञान के पेपर के लिए अनुमति दी गई थी, गणित के पेपर के लिए ऐसा प्रतिबंध क्यों था.” उन्होंने कहा, “अन्य पेपरों के लिए उचित जांच नहीं की गई थी और वे अब ऐसा कर रहे थे. मैं 45 मिनट तक अनुरोध करता रहा.”

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