Engineer's Day 2022: हर साल भारत में 15 सितंबर को इंजीनियर डे के रूप में मनाया जाता है. भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya) के जन्मदिन को भारत में अभियंता दिवस (Engineer's Day) के रूप में मनाया जाता है. एम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1860 को कर्नाटक के मुद्दनहल्ली नामक एक छोटे से गांव में हुआ था. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को एमवी सर के नाम से भी जाना जाता है. सर एम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें भारत के सबसे महान राष्ट्र-निर्माताओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इंजीनियर डे पर स्पीच कैसे लिखें? इंजीनियर डे के लिए Quotes और उसका इतिहास जानने के लिए नीचे पढ़ें.
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Engineer's Day 2022: अभियंता दिवस का इतिहास
इंजीनियर्स डे की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1968 में सर एम विश्वेश्वरैया की जयंती पर की गई थी. तब से, यह दिन उन सभी इंजीनियरों को सम्मानित करने और उन्हें जानने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने एक आधुनिक और विकसित भारत के विकास में योगदान दिया है और आज भी विकास के लिए तत्पर हैं.
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Engineer's Day 2022: Quotes
I take the vision which comes from dreams
and apply the magic of science and mathematics,
adding the heritage of my profession
and my knowledge of nature's materials
to create a design.
I organize the efforts and skills of my fellow workers
employing the capital of the thrifty
and the products of many industries,
and together we work toward our goal
undaunted by hazards and obstacles.
And when we have completed our task
all can see
that the dreams and plans have materialized
for the comfort and welfare of all.
I am an Engineer
I serve mankind
by making dreams come true.
Engineer's Day 2022: अभियंता दिवस पर स्पीच कैसे लिखें?
आदरणीय शिक्षकों को मेरा प्रणाम और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी का मैं तहे दिल से स्वागत करता हूं. आज हम सब यहां इंजीनियर डे मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं. भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस (Engineer's Day) मनाया जाता है. 15 सितंबर को ही इंजीनियर डे मनाने के पीछे बहुत बड़ा कारण है, इस दिन भारत के पहले इंजीनियर डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन होता है. 15 सितंबर 1860 को कर्नाटक में जन्में एम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपनी दूरदर्शिता और समर्पण के साथ भारत में कुछ असाधारण योगदान दिया. उन्हें अब तक के सबसे महान इंजीनियरों के रूप में जाना जाता है. उनके योगदान के कारण उन्हें वर्ष 1955 में भारत के सर्वोच्च राज्य पुरस्कार "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया था. उन्हें जल संसाधनों के दोहन, कई नदी बांधों, पुलों के सफल डिजाइन अथवा निर्माण और पूरे भारत में सिंचाई और पेयजल योजनाओं को संचालित करने में उनकी प्रतिभा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना गया था. बिना इंजीनियर की दुनिया बिना पहियों वाली बाइक की तरह है.
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