गौतम गंभीर किन्नर समाज के प्रति समर्थन जताने के लिए उनके कार्यक्रम में पहुंचे थे
खास बातें
- किन्नरों के प्रति समर्थन जताने के लिए पहुंचे थे गौतम
- सोशल वर्क में भी गंभीर रहते हैं बेहद सक्रिय
- बिना लाग-लपेट की अपनी बात कहना उनकी खासियत
नई दिल्ली: गौतम गंभीर क्रिकेट के अलावा सोशल वर्क में भी खासे सक्रिय हैं. छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाना हो या फिर कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए एएसआई अब्दुल रशीद की बेटी जोहरा की मदद, गंभीर ने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी के 'गंभीर' भाव से हर किसी को प्रभावित किया है. छत्तीसगढ़ में पिछले साल अप्रैल में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए 25 जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च गौतम गंभीर फाउंडेशन के जरिए वहन करने का ऐलान करके वे हर किसी की प्रशंसा हासिल कर चुके हैं. देश से जुड़े समसामयिक मुद्दों पर भी गंभीर सोशल मीडिया के जरिये बेवाक राय जाहिर करते हैं. बिना किसी लाग-लपेट के सीधे शब्दों में अपनी बात कहना गौतम की खासियत है.हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान माथे पर बिंदी लगाए और दुपट्टा डाले गौतम गंभीर के फोटो मीडिया की सुर्खियां बने तो हर किसी को हैरानी हुई, लेकिन इस वेशभूषा के पीछे की उनकी मंशा के बारे में जब लोगों को पता चला तो उनकी हर किसी ने सराहना की. दरअसल, गौतम समाज में उपेक्षा और भेदभाव के शिकार किन्नर समाज के प्रति समर्थन जताने के लिए उनके कार्यक्रम हिजड़ा हब्बा के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे. कार्यक्रम में किन्नरों ने गौतम गंभीर को उनकी तरह तैयार होने में मदद की थी.
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यह कोई पहली बार नहीं है कि गौतम गंभीर ने समाज की उपेक्षा का शिकार इस खास वर्ग के प्रति अपना समर्थन जताया है. इसी साल उन्होंने दो ट्रांसजेंडर्स को अपनी बहन बनाते हुए उनसे राखी बंधवाई थी. गंभीर ने इसका फोटो भी अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया था. उन्होंने अबीना अहर और सिमरन शेख नाम की दो ट्रांसजेंडर्स को अपनी बहन बनाते हुए भावनाओं से भरा संदेश लिखा था. अपने पोस्ट में गंभीर ने लिखा था, 'औरत या मर्द होने के बजाय इंसान होना सबसे ज्यादा मायने रखता है.'
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इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए अब्दुल रशीद की बिलखती हुई बेटी की फोटो ने हर किसी को भावुक कर दिया था. सोशल मीडिया पर देशभर से लोग बच्ची जोहरा के प्रति संवेदना जता रहे थे. गंभीर ने जोहरा के पक्ष में आकर उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाने में मदद करने का ऐलान किया था. अपने ट्वीट में गंभीर ने लिखा था,, "जोहरा प्लीज...इन आंसुओं को जमीन पर नहीं गिरने दो. मुझे शक हैं कि धरती मां भी शायद इस दर्द का बोझ उठा पाए, तुम्हारे शहीद पिता को सलाम." एक अन्य ट्वीट में गौतम गंभीर ने लिखा था, 'जोहरा, मैं लोरी गाकर तुम्हें सुला नहीं सकता, लेकिन मैं आपके सपनों को साकार करने में मदद करूंगा. आपकी शिक्षा के लिए ताउम्र मदद करूंगा.'