विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कोविड-19 महामारी के चलते विश्वविद्यालयों के लंबे समय से बंद रहने के मद्देनजर एमफिल और पीएचडी के छात्रों को शोध पत्र जमा करने के लिए और छह महीने का समय दिया है. इससे पहले छात्रों को 31 दिसंबर तक की समय सीमा दी गई थी. हालांकि, इसे अब बढ़ा कर 30 जून कर दिया गया है, लेकिन पीएचडी और एमफिल के लिए फेलोशिप का समय पांच साल ही रहेगा.
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के चलते विश्वविद्यालय पिछले कई महीनों से बंद है. इसलिए, छात्र विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में अपना शोध या प्रयोग नहीं कर सके हैं, ना ही उन लोगों को पुस्तकालय की सुविधा मिल सकी जो कि शोध पत्र के संकलन के लिए बहुत जरूरी है. ''
उल्लेखनीय है कि यूजीसी ने कोविड-19 महामारी एवं इसके चलते लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के लिए 29 अप्रैल को परीक्षा एवं अकादमिक कैलेंडर जारी किए थे. इन दिशानिर्देशों के मुताबिक, अपना शोधपत्र जमा करने वाले एमफिल और पीएचडी के छात्रों के लिए छह महीने की समय सीमा बढ़ाई गई थी.
जैन ने कहा, ‘‘उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए और शोधार्थियों के व्यापक हित को देखते हुए, एमफिल और पीएचडी के छात्रों को और छह महीने का समय दिया गया है, जो अपना शोध पत्र 31 दिसंबर तक जमा करने वाले थे. उन्हें (अगले साल) 30 जून का समय मिल सकता है. ''
कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए मार्च में विश्वविद्यालय बंद कर दिए गये थे. बाद में, एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. विश्वविद्यालयों एवं उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में पठन-पाठन शुरू करने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया है.
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