विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने संशोधित दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. यूजीसी की गाइडलाइन्स में सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए सितंबर तक परीक्षाएं आयोजित कराने के बारे में कहा गया है. सोमवार रात को यूजीसी की गाइडलाइन्स जारी होने के बाद से ही स्टूडेंट्स इस फैसले के खिलाफ नजर आ रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. यूजीसी की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के एग्जाम ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों तरीकों से आयोजित किए जा सकते हैं. यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन्स में ये भी बताया गया है कि बैक-लॉग वाले छात्रों को परीक्षाएं अनिवार्य रूप से देनी होंगी.
वहीं, अन्य जो स्टूडेंट्स सितंबर की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे तो यूनिवर्सिटी उन स्टूडेंट्स के लिए बाद में स्पेशल परीक्षाएं आयोजित करेगी. जब भी संभव हो, विश्वविद्यालय द्वारा इन विशेष परीक्षाओं को संचालित किया जा सकता है, ताकि विद्यार्थी को किसी भी असुविधा / नुकसान का सामना न करना पड़े. उपरोक्त प्रावधान केवल वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सिर्फ एक बार के उपाय के रूप में लागू होगा.
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा- "एमएचए (MHA) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से परामर्श के बाद छात्रों की सुरक्षा, करियर और प्लेसमेंट के मद्देनजर यूजीसी ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं से संबंधित अपने पहले के दिशानिर्देशों में बदलाव किया है. "
यूजीसी के परीक्षा आयोजित कराने के फैसले से स्टूडेंट्स काफी नाराज हैं और सोशल मीडिया पर यूजीसी गाइडलाइन्स के खिलाफ “#StudentsLivesMatter” और “#PromoteFinalYearStudents” ट्रेंड करा रहे हैं.
Not Guidelines of UGC but a cruel joke with students.
— SFI Delhi (@SfiDelhi) July 6, 2020
Don't spoil the lives of students.#PromoteFinalYearSrudents#COVIDー19 #StudentsLivesMatters pic.twitter.com/tzb86laQcH
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने परीक्षा आयोजित कराने के फैसले को '' क्रूर मजाक '' बताते हुए अपना असंतोष व्यक्त किया है.
#StudentsLivesMatters
— छात्रो की आवाज (R.Bariya) (@RahulBa78425120) July 7, 2020
According to govt, exams are compulsory"more than life" is hidden in this statement!
One side they say STAY HOME STAY SAFE and on the other side they are ordering students to step out of their homes and go in the arms of death.What are they trying to prove pic.twitter.com/twTU6ayTXP
एक यूजर ने लिखा, "सरकार के मुताबिक, एग्जाम जिन्दगी से ज्यादा जरूरी है. एक तरफ कहते हैं घर में रहो, स्वस्थ रहो और दूसरी ओर स्टूडेंट्स को उनके घर से बाहर निकलकर मौत के पास जाने को कह रहे हैं. ये क्या साबित करना चाहते हैं. "
This shows that students life , mental health, peace, don't matter at all. #StudentsLivesMatters #DuagainstOBE @ugc_india @PMOIndia https://t.co/GSvTaT6d2y
— taaran kaur (@kaur_taaran) July 6, 2020
एक यूजर ने लिखा, "इससे ये नजर आता है कि स्टूडेंट की जिंदगी, मानसिक सेहत, शांति कुछ भी मायने नहीं रखता है."
I really don't understand what they think of these numbers! Ranking third all over the world and still their concern is final year exams ! #FirstparliamentThenexams#Cancel_Exam2020 #StudentsLivesMatters ???????? pic.twitter.com/0R9loowEY6
— Krishita gupta (@krishi__) July 6, 2020
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