स्मृति ईरानी
शिलांग:
पीएचडी कार्यक्रमों में महिलाओं और दिव्यांग की भागीदारी बढ़ाने के लिए केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज शोधपत्र जमा करने के लिए दो वर्ष के विस्तार सहित विभिन्न प्रोत्साहन उपायों का ऐलान किया।
नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ईरानी ने कहा कि महिलाओं और दिव्यांग छात्रों को अपने शोधपत्र जमा करने के लिए छह की बजाय आठ साल, प्रसूति अवकाश लाभ और माइग्रेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की आगामी बैठक में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महिलाओं और दिव्यांग छात्रों को अपने एम फिल का कार्य जमा करने के लिए दो वर्ष की बजाय तीन वर्ष का समय दिया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे पीएचडी कार्यक्रमों में महिलाओं और दिव्यांग छात्रों की भागीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार इस बात से वाकिफ है कि महिलाओं को शादी के कारण अपनी आकांक्षाओं और सपनों को छोड़ना पड़ता है। आयोग के अध्यक्ष के साथ जिन मुद्दों पर बात हुई उनमें एक यह भी है कि महिला छात्रों को उनके अध्ययन के दिनों में ली गई छुट्टियों की गिनती के बिना प्रसूति अवकाश दिया जाए।
ईरानी ने कहा कि इसके अलावा एनईएचयू के कुलपति के एस श्रीवास्तव के साथ उन्होंने पूर्वोत्तर के आदिवासी इतिहास, संस्कृति और दर्शनशास्त्र के अध्ययन के लिए पृथक विभाग की स्थापना पर भी चर्चा की।
नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ईरानी ने कहा कि महिलाओं और दिव्यांग छात्रों को अपने शोधपत्र जमा करने के लिए छह की बजाय आठ साल, प्रसूति अवकाश लाभ और माइग्रेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की आगामी बैठक में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महिलाओं और दिव्यांग छात्रों को अपने एम फिल का कार्य जमा करने के लिए दो वर्ष की बजाय तीन वर्ष का समय दिया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे पीएचडी कार्यक्रमों में महिलाओं और दिव्यांग छात्रों की भागीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि सरकार इस बात से वाकिफ है कि महिलाओं को शादी के कारण अपनी आकांक्षाओं और सपनों को छोड़ना पड़ता है। आयोग के अध्यक्ष के साथ जिन मुद्दों पर बात हुई उनमें एक यह भी है कि महिला छात्रों को उनके अध्ययन के दिनों में ली गई छुट्टियों की गिनती के बिना प्रसूति अवकाश दिया जाए।
ईरानी ने कहा कि इसके अलावा एनईएचयू के कुलपति के एस श्रीवास्तव के साथ उन्होंने पूर्वोत्तर के आदिवासी इतिहास, संस्कृति और दर्शनशास्त्र के अध्ययन के लिए पृथक विभाग की स्थापना पर भी चर्चा की।
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