JEE Main And NEET 2020 Exam: मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET 2020) और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE Main 2020) के लिये 14 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने प्रवेश पत्र (Admit Card) डाउनलोड किए हैं. इस बीच विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श किया और परीक्षाएं टलवाने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला किया. पिछले कुछ महीने से यह मुद्दा छाया रहा है. कई लोग परीक्षाएं आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं, वहीं विपक्ष और कार्यकर्ता कोविड-19 (Covid-19) महामारी के मद्देनजर इसे टालने की मांग कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा बुलायी गयी बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई.
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका करने की जरूरत पर सहमति जतायी. इंजीनियरिंग के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या (JEE) एक से छह सितंबर के बीच होगी, जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 13 सितंबर को कराने की योजना है. NEET के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक सितंबर में आयोजित होने वाली जेईई-मेन (JEE Main) और एनईईटी (NEET) के लिए 14 लाख से ज्यादा छात्र प्रवेश पत्र (Admit Card) डाउनलोड कर चुके हैं. विपक्ष ने जोरदार तरीके से इस मुद्दे को उठाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी परीक्षाओं को टालने की मांग की है. एनईईटी (NEET) और जेईई (JEE) की तैयारी कर रहे छात्रों के एक धड़े ने भी परीक्षाओं को टालने की मांग की. उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए परिवहन सेवा का अभाव है.
जेईई की तैयारी कर रहे अंकित जखानिया ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता कोरोनावायरस के बढ़ते मामले हैं. परीक्षा टालने के लिए एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की गयी है. रात आठ बजकर 20 मिनट तक इस पर 1,08,114 लोग दस्तखत कर चुके हैं. कोविड-19 महामारी के कारण इन प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग बढ़ रही है. हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने जोर दिया है कि परीक्षाएं निर्धारित समय पर ही सितंबर में होंगी.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) सितंबर में होने जा रही मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं (एनईईटी और जेईई) के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने, एक सीट छोड़कर बैठाने, प्रत्येक कमरे में कम उम्मीदवारों को बैठाने और प्रवेश-निकास की अलग व्यवस्था जैसे कदम उठाएगी. एनटीए (NTA) ने मंगलवार को अपने बयान में कहा था, ‘‘ जेईई (JEE) के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660 की गई है, जबकि एनईईटी (NEET) अब 2,546 केंद्रों के बजाय 3,843 केंद्रों पर होगी. जेईई (JEE) कंप्यूटर आधारित परीक्षा है जबकि एनईईटी (NEET) पारंपरिक तरीके से कलम और कागज पर होती है.''
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए. उधर, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए केन्द्र सरकार से छात्रों के चयन के लिये वैकल्पिक पद्धति पर काम करने का अनुरोध किया.
सिसोदिया ने कहा, ''तमाम ऐहतियाती कदम उठाने के बावजूद बहुत सारे शीर्ष नेता संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में हम 28 लाख छात्रों को परीक्षा केन्द्र भेजने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे इसकी चपेट में नहीं आएंगे.'' द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार को इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए.
स्वीडन की मशहूर कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने मंगलवार को इस मुद्दे पर कहा था कि यह उचित नहीं है कि भारत के छात्रों को कोविड-19 महामारी के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा देना पड़ रही है और जब लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं