Kaifi Azmi Google Doodle: लोकप्रिय प्रमुख प्रगतिशील शायर और फिल्म गीतकार कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) की आज जयंती है. कैफ़ी आज़मी की जयंती के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है. गूगल का ये डूडल (Google Doodle) बेहद खास है और इसमें कैफ़ी आजमी को माइक के साथ दिखाया गया है. कैफ़ी आज़मी का जन्म 14 जनवरी 1919 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ था. कैफ़ी आज़मी उर्दू के एक अज़ीम शायर थे. उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए कई प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लें भी लिखीं, जिनमें देशभक्ति का अमर गीत -"कर चले हम फिदा, जान-ओ-तन साथियों" भी शामिल है. उन्होंने 'ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं' और 'झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं' जैसे खूबसूरत गाने (Kaifi Azmi Songs) दिए. साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा भी गया था. आइये जानते हैं कैफ़ी आज़मी के जीवन से जुड़ी बातें..
कैफ़ी आज़मी (Kaifi Azmi) के जीवन से जुड़ी बातें.
1. कैफ़ी आज़मी का असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था. उन्हें बचपन से ही उन्हें लिखने-पढ़ने का शौक था. उन्होंने 11 साल की उम्र में अपनी पहिला कविता लिखी थी.
2. कैफ़ी आज़मी भारत की जानी-मानी ऐक्ट्रेस शबाना आजमी के पिता थे. कैफ़ी आज़मी की पहली किताब 'झंकार' साल 1943 में छपी थी. इसमें उनकी कई शानदार कविताएं मौजूद है.
3. कैफ़ी की भावुक, रोमांटिक और प्रभावी लेखनी से प्रगति के रास्ते खुलते गए और वे सिर्फ गीतकार ही नहीं बल्कि पटकथाकार के रूप में भी स्थापित हो गए, ‘हीर-रांझा' कैफ़ी की सिनेमाई कविता कही जा सकती है.
4. उनकी रचनाओं में आवारा सज़दे, इंकार, आख़िरे-शब आदि प्रमुख हैं.
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5. साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. इतना ही नहीं उन्हें साहित्य अकादमी फैलोशिप से भी सम्मानित किया जा चुका है. राष्ट्रीय पुरस्कार के अलावा उन्हें कई बार फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला.
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