JEE Main 2020 Exam: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने जेईई-मुख्य परीक्षा (JEE Main Exam) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. लेकिन साथ ही कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित हिस्सों में रहने वाले छात्र जो परीक्षा केन्द्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं हैं या देरी से पहुंच रहे हैं, वे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का रुख कर दोबारा-परीक्षा आयोजित कराने के लिये आवेदन कर सकते हैं.
न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला की खंडपीठ ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) इस तरह के अनुरोधों पर विचार करे और उसकी सत्यता की जांच करने के बाद निर्णय लें. इंजीनियरिंग जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई)- की मुख्य परीक्षा देशभर में मंगलवार यानी आज सुबह नौ बजे शुरू हुई है.
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पीठ ने कहा, ‘‘कई जिलों में बाढ़ की वजह से स्थिति गंभीर है. छात्रों को अपनी गलती ना होने पर खामियाजा नहीं उठाना चाहिए.'' अदालत ने कहा कि कोई भी पीड़ित छात्र अपने केन्द्र समन्वयक के माध्यम से एनटीए (NTA) के समक्ष आवेदन दायर कर सकता है. अदालत ने कहा, ‘‘नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आवेदन पर गौर करके और संबंधित जिला कलेक्टर से विचार-विमर्श कर 15 दिन के अंदर फैसला ले.''
बता दें कि भंडारा के निवासी नीतेश बावनकर द्वारा बाढ़ के चलते जेईई परीक्षा (JEE Main 2020) को स्थगित करने की मांग के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की. पत्र में बताया गया कि जेईई मेन परीक्षा (JEE Main Exam) में शामिल होने वाले छात्र जो नागपुर, अमरावती, अकोला, चंद्रपुर, गोंदियाचंद गढ़चिरौली जिलों में बाढ़ से प्रभावित हैं, वे किन परेशानियों का सामना कर रहे हैं. पत्र में कहा गया कि बाढ़ की वजह से इन इलाकों में रहने वाले छात्रों को जेईई मेन परीक्षा में शामिल होने में काफी मुश्किलें हो रही हैं.
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