जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर को आज देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. वे यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्राप्त करेंगी. पुरस्कार समारोह का आयोजन आज राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में किया जाएगा. प्रोफेसर अख्तर को यह सम्मान साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए मिल रहा है.
प्रोफसर नजमा अख्तर को जामिया की पहली महिला कुलपति होने का गौरव प्राप्त है. देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वितरण में परिवर्तन लाने के लिए उन्हें एक प्रमुख शिक्षाविद् के रूप में व्यापक रूप से पहचाना जाता है. बता दें कि प्रोफेसर अख्तर की देखरेख में जामिया मिलिया इस्लामिया को पिछले साल राष्ट्रीय प्रत्यायन और मूल्यांकन परिषद (NAAC) द्वारा A++ प्राप्त हुआ.
प्रो. अख्तर के नेतृत्व में जामिया ने शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में छठा स्थान हासिल किया. यही नहीं उनके नेतृत्व में, विश्वविद्यालय ने वर्ष 2019-20 के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए प्रदर्शन मूल्यांकन में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के बीच 95.23 प्रतिशत अंक हासिल करके उत्कृष्ट प्रदर्शन हासिल किया है.
13 नवंबर, 1953 को जन्मी प्रोफेसर अख्तर ने 'उच्च शिक्षा की पारंपरिक और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली पर एक तुलनात्मक अध्ययन' विषय पर शिक्षा में पीएचडी प्राप्त की. मास्टर डिग्री में गोल्ड मेडलिस्ट रही, उन्होंने एजुकेशन में एमए और बॉटनी में एमएससी डिग्री प्राप्त की है. एक प्रोफेसर के तौर पर काम किया और वे राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन विश्वविद्यालय (एनयूईपीए), नई दिल्ली में शिक्षा में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण विभाग की प्रमुख थीं. इसके साथ ही उन्होंने इग्नू के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के साथ भी काम किया और उत्तर प्रदेश में राज्य शैक्षिक प्रबंधन और प्रशिक्षण संस्थान (SIEMAT) की संस्थापक निदेशक भी रहीं.
उन्होंने एएमयू में परीक्षा नियंत्रक और प्रवेश के प्रतिष्ठित पद के अलावा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में निदेशक, शैक्षणिक कार्यक्रम का पद भी संभाला है.
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