Coronavirus: इस राज्य में 11वीं के 11 लाख स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम दिए किया जाएगा पास

कोरोनावायरस महामारी के चलते पश्चिम बंगाल में 11वीं के करीब 11,10,000 छात्रों को बिना एग्जाम दिए पास करके 12वीं क्लास में भेजा जाएगा.

Coronavirus: इस राज्य में 11वीं के 11 लाख स्टूडेंट्स को बिना एग्जाम दिए किया जाएगा पास

पश्चिम बंगाल में 11वीं के 11 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को पास किया जाएगा.

नई दिल्ली:

Coronavirus: कोरोनावायरस महामारी के चलते देशभर के कई राज्यों के स्कूलों में परीक्षाएं बीच में ही रोकनी पड़ीं. वहीं लॉकडाउन के चलते स्कूल भी बंद हैं. ऐसे में स्कूलों में परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है. इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों को 11वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को अगली क्लास में प्रमोट करने के लिए कहा है, क्योंकि कोरोनोवायरस लॉकडाउन के चलते स्टूडेंट्स की परीक्षाएं पूरी नहीं हो सकती हैं.

परिषद के अध्यक्ष महुआ दास ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये निर्णय लिया है कि 11वीं क्लास के सभी छात्रों को अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाएगा. सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि बोर्ड की परीक्षाएं 10 जून के बाद आयोजित की जाएंगी. जबकि, 11वीं क्लास के छात्रों की कोई परीक्षा नहीं होगी.

कोरोनावायरस महामारी के चलते पश्चिम बंगाल में 11वीं के करीब 11,10,000 छात्रों को बिना एग्जाम के पास करके 12वीं क्लास में भेजा जाएगा.

बता दें कि पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) लॉकडाउन हटने और स्थिति सामान्य होने के बाद 10वीं परीक्षा के परिणाम घोषित करने की तारीख तय करेगा. इसकी जानकारी शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुछ समय पहले समाचार एजेंसी पीटीआई को दी थी. 

हायर सेकेंडरी एग्जामिनेशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि बचे हुए 2 पेपर 10 जून के बाद आयोजित किए जाएंगे. 12वीं क्लास की पेंडिंग परीक्षा आयोजित कराना WBCHSE की प्राथमिकता है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में 9वीं और 10वीं क्लास के लिए पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) है और 11वीं और 12वीं क्लास के लिए पश्चिम बंगाल काउंसिल फॉर हायर सेकेंडरी एजुकेशन (WBCHSE)  है. 

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यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के अकेडमिक कैलेंडर के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा था कि विभिन्न राज्यों की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के अकेडमिक कैलेंडर युनिवर्सिटी द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के परामर्श करके तय किए जाएंगे.