
नयी दिल्ली:
समझा जाता है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्न पत्रों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति ने बहुविकल्पीय प्रश्नों (एमसीक्यू) को दूर रखे जाने की सिफारिश की है.
सूत्रों ने बताया कि प्रश्न पत्र के प्रारूप पर मंत्रालय ने साल भर पहले एक समिति का गठन किया था जिसकी अध्यक्षता ईवी खरबहीह ने की. वह मेघालय स्कूल शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
समझा जाता है कि समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि लंबे उत्तर वाले प्रश्नों के आंतरिक विकल्प होने चाहिए, सामान्य तौर पर बहुत छोटे सवालों के लिए कोई विकल्प नहीं दिया जाना चाहिए.
समझा जाता है कि समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि परीक्षा में एमसीक्यू नहीं होना चाहिए. समिति ने कुछ महीने पहले अपने सुझाव सौंपे हैं.
इसने यह सुझाव भी दिया है कि प्रश्न पत्रों को पढ़ने के लिए छात्रों को अतिरिक्त 15 मिनट का समय दिया जाना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि प्रश्न पत्र के प्रारूप पर मंत्रालय ने साल भर पहले एक समिति का गठन किया था जिसकी अध्यक्षता ईवी खरबहीह ने की. वह मेघालय स्कूल शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
समझा जाता है कि समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि लंबे उत्तर वाले प्रश्नों के आंतरिक विकल्प होने चाहिए, सामान्य तौर पर बहुत छोटे सवालों के लिए कोई विकल्प नहीं दिया जाना चाहिए.
समझा जाता है कि समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि परीक्षा में एमसीक्यू नहीं होना चाहिए. समिति ने कुछ महीने पहले अपने सुझाव सौंपे हैं.
इसने यह सुझाव भी दिया है कि प्रश्न पत्रों को पढ़ने के लिए छात्रों को अतिरिक्त 15 मिनट का समय दिया जाना चाहिए.
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