केंद्र सरकार ने शिक्षा से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है. नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) का नाम बदलने का फैसला भी किया गया है. नया नाम शिक्षा मंत्रालय (MoE) ही किया जा सकता है. वहीं, नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में भाषा को लेकर अहम बदलाव किए गए हैं. इस नीति में बहुभाषावाद (Multilingualism) और भाषा की शक्ति पर खास जोर दिया गया है.
नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा या स्थानीय भाषा पर भी जोर दिया गया है. नई नीति के अध्याय 4 में बताया गया है कि कम से कम क्लास 5 तक की पढ़ाई का माध्यम घरेलू भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगा. यानी क्लास 5 तक स्कूल में पढ़ाई का मीडिया स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा होगी. इसके अलावा नई नीति में ये भी कहा गया है कि क्लास 5 के बाद क्लास 8 तक या उससे आगे भी रीजनल लैंग्वेज का यही फॉर्मूला लागू किया जाएगा.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) का नाम पहले शिक्षा मंत्रालय ही होता था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बदलकर इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ सहयोगी संगठनों की मांग थी कि नाम वापस शिक्षा मंत्रालय रखा जाए. नई शिक्षा नीति बनाने वाली कमेटी ने भी MHRD की जगह मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (MoE) यानी शिक्षा मंत्रालय नाम करने का प्रस्ताव दिया था. पहली शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी, जिसके बाद 1992 में इसमें बदलाव किया गया था. अब एक बार फिर नई नीति लागू की जा रही है.
इस नई शिक्षा नीति में शिक्षा के अधिकार 2009 को भी बढ़ाया गया है. अब शिक्षा के अधिकार में 3 से 18 साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा. इस नई नीति शिक्षा नीति का प्रस्ताव पिछले साल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सौंपा गया था.
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