Good News For Foreign Student: विदेशी छात्रों के लिए खुशखबरी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों के लिए शुरू की छात्रवृत्ति योजना

Banaras Hindu University: बीएचयू ने विदेशी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू की है. इस योजना के तहत विदेशी छात्रों को हर महीने 6000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी. इतना ही नहीं इसे छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर हर साल बढ़ाया भी जाएगा.

Good News For Foreign Student: विदेशी छात्रों के लिए खुशखबरी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों के लिए शुरू की छात्रवृत्ति योजना

बीएचयू ने "अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को छात्रवृत्ति" योजना शुरू की

नई दिल्ली:

Banaras Hindu University: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों ( Foreign Student) के लिए एक नई छात्रवृत्ति योजना (scholarship scheme) शुरू की है, जिसका नाम है "अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को छात्रवृत्ति (Scholarship to International Students)" है. इस योजना के तहत विदेशी छात्रों को हर महीने 6000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी इतना ही नहीं इसे हर साल छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकृत भी किया जाएगा. बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर के जैन की अध्यक्षता में बीएचयू के शासी निकाय की बैठक में "अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को छात्रवृत्ति" शुरू करने का निर्णय लिया गया.

इस योजना का उद्देश्य इस कार्यक्रम के माध्यम से विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है. बीएचयू ने बयान जारी करते हुए कहा, "विश्वविद्यालय ने योजना के सुचारू कार्यान्वयन और निगरानी के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. योजना के तहत सभी आवेदन बीएचयू के इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस सेल को प्रस्तुत किए जाएंगे."

वर्तमान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में लगभग 40 देशों के 431 छात्र नामांकित हैं. इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, फ्रांस, रूस, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यमन, ईरान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मॉरीशस, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, म्यांमार और कंबोडिया के 261 पुरुष और 170 महिला छात्र शामिल हैं. बीएचयू के बयान में कहा गया है, "बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में, विदेशी छात्रों का कुल प्रवेश कुल सीटों का 15 प्रतिशत है."

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अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के अंतर्राष्ट्रीयकरण पर अधिक ध्यान केंद्रित करती है. साथ ही भारतीय परिसरों में विदेशों से अधिक छात्रों को रखा और पढ़ाया जाता है.