ग्रेजुएशन और कंप्यूटर कोर्स की योग्यता रखने वालों की बढ़ेगी डिमांड
नयी दिल्ली:
प्रशासनिक सुधार के लिए केंद्र की ओर से की जा रही कवायद के तहत सरकारी सेवाओं में लोअर डिविजनल क्लर्क और अपर डिविजनल क्लर्क की जगह तकनीक पसंद और कई तरह के काम करने में सक्षम कार्यकारी सहायकों (एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट) की भर्ती की जाएगी। कॉरपोरेट कल्चर की तर्ज पर यह बदलाव किया जाएगा।
कार्यकारी सहायकों का कैडर बनाने की नई योजना मौजूदा केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) और केंद्रीय सचिवालय स्टेनोग्राफर सेवा (सीएसएसएस) की जगह लेगी जिसे पूरा होने में करीब 20-25 साल का वक्त लगेगा। सीएसएस और सीएसएसएस के कर्मी केंद्र सरकार के सचिवालयीय कामकाज की रीढ़ होते हैं। वे विभिन्न प्रभागों और वरिष्ठ अधिकारियों के निजी स्टाफ के तौर पर भी अपनी सेवाएं देते हैं ।
ग्रेजुएट और कंप्यूटर कोर्स करने वालों की बढ़ेगी डिमांड
छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर यह कदम उठाया है। आयोग ने सुझाव दिया था कि कई कौशलों से लैस ऐसे कार्यकारी सहायकों की भर्ती की जानी चाहिए जो किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डिग्रीधारी हों और जिन्होंने कंप्यूटर शिक्षा में एक साल का डिप्लोमा हासिल किया हो।
वे मौजूदा दिनों के सहायकों और स्टेनोग्राफरों दोनों के काम करेंगे और उनके मामले में सीएसएस और सीएसएसएस कैडरों का विलय कर दिया जाएगा। कार्यकारी सहायकों की भर्ती की योजना शुरू करने का मुद्दा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग को भी भेजा गया था ताकि उसकी राय जानी जा सके। दिलचस्प यह है कि आयोग ने हाल ही में सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में इस योजना को लेकर कोई सिफारिश नहीं की।
कार्यकारी सहायकों का कैडर बनाने की नई योजना मौजूदा केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) और केंद्रीय सचिवालय स्टेनोग्राफर सेवा (सीएसएसएस) की जगह लेगी जिसे पूरा होने में करीब 20-25 साल का वक्त लगेगा। सीएसएस और सीएसएसएस के कर्मी केंद्र सरकार के सचिवालयीय कामकाज की रीढ़ होते हैं। वे विभिन्न प्रभागों और वरिष्ठ अधिकारियों के निजी स्टाफ के तौर पर भी अपनी सेवाएं देते हैं ।
ग्रेजुएट और कंप्यूटर कोर्स करने वालों की बढ़ेगी डिमांड
छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर यह कदम उठाया है। आयोग ने सुझाव दिया था कि कई कौशलों से लैस ऐसे कार्यकारी सहायकों की भर्ती की जानी चाहिए जो किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डिग्रीधारी हों और जिन्होंने कंप्यूटर शिक्षा में एक साल का डिप्लोमा हासिल किया हो।
वे मौजूदा दिनों के सहायकों और स्टेनोग्राफरों दोनों के काम करेंगे और उनके मामले में सीएसएस और सीएसएसएस कैडरों का विलय कर दिया जाएगा। कार्यकारी सहायकों की भर्ती की योजना शुरू करने का मुद्दा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग को भी भेजा गया था ताकि उसकी राय जानी जा सके। दिलचस्प यह है कि आयोग ने हाल ही में सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में इस योजना को लेकर कोई सिफारिश नहीं की।
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