दिल्ली मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकार को अपने स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों के लिए सीबीएसई का परीक्षा शुल्क भरने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस कदम पर 57 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के अलावा पत्राचार विद्यालय में पढ़ रहे करीब 3.14 लाख छात्रों को इस कदम से फायदा मिलेगा. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी कि दिल्ली सरकार अपने नियंत्रण वाले स्कूलों और पत्राचार विद्यालयों समेत सरकारी तथा सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का सीबीएसई परीक्षा शुल्क भरेगी.''
उन्होंने बताया, ‘‘मंत्रिमंडल के फैसले से करीब 57 करोड़ रुपये खर्च होंगे और तकरीबन तीन लाख 14 हजार छात्रों को लाभ मिलेगा.'' सरकार ने घोषणा की थी कि पिछले महीने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा फीस में बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद वह फीस भरेगी. पांच विषयों के लिए सामान्य श्रेणी के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए फीस 750 रुपये से बढ़ाकर दोगुनी 1,500 रुपये कर दी गई.
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्र पहले 375 रुपये देते थे लेकिन अब उन्हें पांच विषयों के लिए 1,200 रुपये देने होंगे. राष्ट्रीय राजधानी के लिए विशेष बंदोबस्त के तहत छात्र केवल 50 रुपये दे रहे थे जबकि बाकी राशि सब्सिडी के तौर पर दिल्ली सरकार भर रही थी. एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘फीस सीधे सीबीएसई को दी जाएगी और छात्रों को कोई बोझ लेने या प्रतिपूर्ति के लिए इंतजार नहीं करना होगा.''
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