दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने राष्ट्रीय राजधानी में दो निजी स्कूलों को विभाग से कथित तौर पर बिना पूर्व की अनुमति के की गयी शुल्क वृद्धि को वापस लेने को कहा ओर जमा की गयी राशि लौटाने को कहा।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से शिक्षा निदेशालय को यह निर्देश उस वक्त दिया गया जब दिल्ली पब्लिक स्कूल की मथुरा रोड और रोहिणी शाखाओं में पढ़ने वालों बच्चों के अभिभावकों ने उनसे मुलाकात की। अभिभावकों ने सिसोदिया से फीस बढ़ाए जाने के बारे में शिकायत की।
सिसोदिया ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया कि उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिन्होंने न सिर्फ फीस बढ़ाई बल्कि छात्रों को निजी प्रकाशकों से पुस्तकें खरीदने के लिए मजबूर किया।
शिक्षा निदेशक सौम्य गुप्ता ने आदेश में कहा, ‘‘अभिभावकों ने उपमुख्यमंत्री के पास विस्तृत शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने निदेशालय की पूर्व इजाजत के बिना शैक्षिक सत्र 2016-17 से 13-20 प्रतिशत शुल्क बढ़ा दिया।’’ आदेश में कहा गया है, ‘‘आपको नये शैक्षिक सत्र के लिए स्कूल प्रशासन द्वारा अभिभावकों से लिये गए बढ़े हुए शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया जाता है। निदेशालय की मंजूरी के बिना आप किसी भी तरह का स्कूल शुल्क नहीं बढाएंगे।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के स्कूल सरकार की अनुमति के बिना फीस बढ़ाकर उच्चतम न्यायालय के आदेशों और शिक्षा के अधिकार कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर बने स्कूलों के लिए जरूरी है कि वे फीस में बढ़ोतरी करने से पहले सरकार की इजाजत लें।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से शिक्षा निदेशालय को यह निर्देश उस वक्त दिया गया जब दिल्ली पब्लिक स्कूल की मथुरा रोड और रोहिणी शाखाओं में पढ़ने वालों बच्चों के अभिभावकों ने उनसे मुलाकात की। अभिभावकों ने सिसोदिया से फीस बढ़ाए जाने के बारे में शिकायत की।
सिसोदिया ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया कि उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिन्होंने न सिर्फ फीस बढ़ाई बल्कि छात्रों को निजी प्रकाशकों से पुस्तकें खरीदने के लिए मजबूर किया।
शिक्षा निदेशक सौम्य गुप्ता ने आदेश में कहा, ‘‘अभिभावकों ने उपमुख्यमंत्री के पास विस्तृत शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने निदेशालय की पूर्व इजाजत के बिना शैक्षिक सत्र 2016-17 से 13-20 प्रतिशत शुल्क बढ़ा दिया।’’ आदेश में कहा गया है, ‘‘आपको नये शैक्षिक सत्र के लिए स्कूल प्रशासन द्वारा अभिभावकों से लिये गए बढ़े हुए शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया जाता है। निदेशालय की मंजूरी के बिना आप किसी भी तरह का स्कूल शुल्क नहीं बढाएंगे।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के स्कूल सरकार की अनुमति के बिना फीस बढ़ाकर उच्चतम न्यायालय के आदेशों और शिक्षा के अधिकार कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर बने स्कूलों के लिए जरूरी है कि वे फीस में बढ़ोतरी करने से पहले सरकार की इजाजत लें।
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