सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि देश के हर स्कूल में बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षा के बारे में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का पूरी तरह कार्यान्वयन हो. प्रधान न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने के लिए नोटिस भी जारी किए कि वे याचिकाओं पर जवाब दाखिल करें. इनमें से एक याचिका गुरूग्राम के एक स्कूल में मारे गए सात साल के बच्चे के पिता ने भी दाखिल की है.
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि जवाब तैयार है और एक सप्ताह के अंदर दाखिल कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार समय समय पर बच्चों की सुरक्षा के बारे में कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को दिशानिर्देश जारी करती है.
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पीठ ने केंद्र और सीबीएसई के कई दिशानिर्देशों पर गौर किया और उन्हें उनकी वेबसाइटों पर डालने का आदेश दिया. साथ ही पीठ ने राज्य सरकारों से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपाय सुझाने को भी कहा. इस पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर भी शामिल हैं.
पीठ ने कहा, ‘राज्यों को देखना चाहिए कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का हकीकत में कार्यान्वयन हो और कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना भी बनानी चाहिए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें.’ साथ ही पीठ ने कहा कि दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन न किए जाने के प्रतिकूल परिणाम होंगे.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि जवाब तैयार है और एक सप्ताह के अंदर दाखिल कर दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार समय समय पर बच्चों की सुरक्षा के बारे में कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को दिशानिर्देश जारी करती है.
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पीठ ने केंद्र और सीबीएसई के कई दिशानिर्देशों पर गौर किया और उन्हें उनकी वेबसाइटों पर डालने का आदेश दिया. साथ ही पीठ ने राज्य सरकारों से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपाय सुझाने को भी कहा. इस पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर भी शामिल हैं.
पीठ ने कहा, ‘राज्यों को देखना चाहिए कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का हकीकत में कार्यान्वयन हो और कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना भी बनानी चाहिए ताकि बच्चे सुरक्षित रहें.’ साथ ही पीठ ने कहा कि दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन न किए जाने के प्रतिकूल परिणाम होंगे.
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