Covid-19 Lockdown: कोविड-19 पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है, चाहे सरकार 21 दिनों के लॉकडाउन को आगे बढ़ाए या नहीं. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले जीओएम ने यह तय किया कि धार्मिक केंद्रों, शापिंग मॉल और शौक्षणिक संस्थानों को 14 अप्रैल के बाद कम से कम चार सप्ताह तक सामान्य गतिविधि शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. 14 अप्रैल वर्तमान लॉकडाउन की अंतिम तारीख है. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आदि शामिल हुए.
सूत्रों ने बताया कि सरकार का सोचना है कि इससे स्कूलों और कालेजों एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे. गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती है. जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोनावायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
जीओएम का गठन देश में कोरोनावायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुझाव देने के लिये किया गया है. कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये किये गए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को आगे बढ़ाये जाने या नहीं बढ़ाए जाने की अटकलों के बीच, देश भर में धार्मिक केंद्रों, सार्वजनिक स्थलों सहित उन स्थानों पर सरकार की पैनी नजर रहेगी जहां अधिक संख्या में लोगों के जमा होने की संभावना होगी.
इस आशय का निर्णय कारोनावायरस के मुद्दे पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में लिया गया. मंत्रियों के समूह ने कोरोनावायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) के कारण उत्पन्न स्थिति, इससे निपटने को लेकर उठाये जा रहे कदमों की विस्तृत समीक्षा की. जीओएम ने 14 अप्रैल के बाद की संभावित स्थिति के बारे में भी संक्षिप्त चर्चा की जब लॉकडाउन का वर्तमान चरण समाप्त होगा.
सूत्रों ने बताया कि इसमें चिकित्सा प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस की जांच सुविधाओं को और बढ़ाने के बारे में भी चर्चा की गई. इससे पहले, सूत्रों ने बताया कि कुछ राज्य सरकारों और विशेषज्ञों द्वारा कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल के बाद बढ़ाए जाने के लिए दिए गए सुझाव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. हालांकि सूत्रों ने यह नहीं बताया कि इस बारे में अंतिम फैसला हुआ है या नहीं.
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है और इस बारे में अटकल नहीं लगायी जानी चाहिए .
विपक्षी दलों के नेताओं और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार से इस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति का वास्तविक मूल्यांकन करने एवं कोरोना वायरस की जांच के लिये आधारभूत ढांचा मजबूत बनाने पर ध्यान देने को कहा है.
बहरहाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह (जीएओएम) ने आज कारोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन से जुड़ी स्थिति की समीक्षा की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, हरदीप सिंह पूरी, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर आदि ने भी शिरकत की.
सूत्रों ने बताया कि जीओएम ने सुझाव दिया कि धार्मिक केंद्रों, मॉल सहित लोगों की अधिक उपस्थिति वाले सार्वजनिक स्थलों की ड्रोन से निगरानी की जाए . यह भी कहा गया कि इन स्थलों को निकट भविष्य में सामान्य कामकाज शुरू करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. गौरतलब है कि पिछले महीने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात की बैठक में काफी संख्या में लोग शामिल हुए थे और इनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए.
जीओएम की बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा ‘‘मंत्रियों ने इस बात पर अपने विचार रखे कि हम इस स्थिति से कैसे बाहर निकल सकते हैं और कैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में लोगों को सजग, सतर्क और प्रतिबद्ध रखने में मदद कर सकते हैं. ''
वहीं भारत में 117 लोगों की मौत हुई है और संक्रमित लोगों का आंकड़ा 4,421 तक पहुंच चुका है. इस संबंध में एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा था और आह्वान किया कि वे थका हुआ और हारा हुआ महसूस न करें. उन्होंने विश्वास जताया था कि इस लड़ाई में भारत विजयी होकर उभरेगा.
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