इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई), इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (आईएससी) और कई राज्य बोर्डों को कक्षा 12वीं की परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय लेना अभी बाकी है. जबकि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई हैं. कक्षा 12वीं की परीक्षाएं कोरोना के चलते स्थगित कर दी गई थीं, हालांकि परीक्षा को रद्द किया जाएगा या फिर आगे और स्थगित किया जाएगा इसपर अंतिम निर्णय आना अभी बाकी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में पेरेंट्स एसोसिएशन ने कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए मूल्यांकन के एक वैकल्पिक तरीके की मांग की है, क्योंकि आगामी 12वीं बोर्ड की परीक्षा फिजिकल मोड में आयोजित कराना संभव नहीं है और वहीं, कोविड -19 मामलों में हो रही वृद्धि के कारण परीक्षा में और देरी करने से केवल मानसिक तनाव बढ़ेगा और समय की बर्बादी होगी."
पत्र में कहा गया, "भारत में वर्तमान स्थिति में कम से कम कुछ महीनों के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है, इसलिए सरकार को ऑफ़लाइन परीक्षा के लिए विकल्प खोजना चाहिए. परीक्षा को और स्थगित करने से छात्रों में चिंता, मानसिक तनाव और डिप्रेशन बढ़ेगी."
पत्र में आगे कहा गया, "इससे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. ऐसी भी उम्मीद है कि उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा. छात्र 1.5 साल से अधिक समय से कक्षा 12वीं में पढ़ रहे हैं."
पेरेंट्स एसोसिएशन का सुझाव है कि कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक समान निर्णय लिया जाए और कक्षा 12वीं के छात्रों के मूल्यांकन के लिए मूल्यांकन का एक वैकल्पिक तरीका अपनाया जाए.
पेरेंट्स एसोसिएशन ने पत्र में कहा, कई विश्वविद्यालय अब इंटरनल असेसमेंट ग्रेड स्वीकार कर रहे हैं, इसलिए भारत में भी ऐसा किया जा सकता है.
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