सीबीएसई स्कूलों में अब छात्रों को रोजाना उनकी पसंदीदा क्लास यानी स्पोर्ट्स पीरियड अनिवार्य रूप से मिलेगा. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी स्कूलों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है. सीबीएसई का कहना है कि स्कूलों में अन्य विषयों की क्लास के साथ-साथ खेल की भी एक क्लास होना जरूरी है, इससे छात्रों की बैठे रहने की आदतों में बदलाव आएंगे और शारीरिक तौर पर भी वे मजबूत होंगे.
स्पोर्ट्स पीरियड में जाना होगा प्लेग्राउंड
सीबीएसई की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक सभी छात्रों को इस पीरियड में ग्राउंड पर जाना होगा. जिससे हर बच्चा फिजिकली फिट रह सके. इसके लिए बकायदा एक मैनुअल भी तैयार किया गया है. जिसे देखकर छात्र फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं.
नहीं देना होगा कोई एग्जाम
जानकारी के मुताबिक इस स्पोर्ट्स पीरियड का बाकी के विषयों की तरह कोई भी एग्जाम नहीं लिया जाएगा. इसमें बच्चों को सिर्फ फिजिकल एक्टिविटीज ही करवाई जाएंगी. हालांकि बच्चों में कॉम्पिटिशन की भावना के लिए इसमें ग्रेडिंग सिस्टम बनाया जाएगा.
छूटेगी क्लास में बैठने की आदत
सीबीएसई की तरफ से जारी इस गाइडलाइन का असली मकसद छात्रों की क्लास में बैठे रहने वाली आदत को दूर करना है. आमतौर पर देखा जाता है कि कई बच्चे लंच टाइम में भी क्लासरूम में ही बैठकर लंच करते हैं. ऐसे में उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम रहती है. स्पोर्ट्स पीरियड से बच्चे अपने पसंद का खेल खेलेंगे और दिमागी और शारीरिक तौर पर मजबूत होंगे.
स्पोर्ट्स पीरियड में जाना होगा प्लेग्राउंड
सीबीएसई की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक सभी छात्रों को इस पीरियड में ग्राउंड पर जाना होगा. जिससे हर बच्चा फिजिकली फिट रह सके. इसके लिए बकायदा एक मैनुअल भी तैयार किया गया है. जिसे देखकर छात्र फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं.
नहीं देना होगा कोई एग्जाम
जानकारी के मुताबिक इस स्पोर्ट्स पीरियड का बाकी के विषयों की तरह कोई भी एग्जाम नहीं लिया जाएगा. इसमें बच्चों को सिर्फ फिजिकल एक्टिविटीज ही करवाई जाएंगी. हालांकि बच्चों में कॉम्पिटिशन की भावना के लिए इसमें ग्रेडिंग सिस्टम बनाया जाएगा.
छूटेगी क्लास में बैठने की आदत
सीबीएसई की तरफ से जारी इस गाइडलाइन का असली मकसद छात्रों की क्लास में बैठे रहने वाली आदत को दूर करना है. आमतौर पर देखा जाता है कि कई बच्चे लंच टाइम में भी क्लासरूम में ही बैठकर लंच करते हैं. ऐसे में उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम रहती है. स्पोर्ट्स पीरियड से बच्चे अपने पसंद का खेल खेलेंगे और दिमागी और शारीरिक तौर पर मजबूत होंगे.
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