CBSE Pending Exam: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन, यानी CBSE बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर आज अहम दिन है. ये पेंडिंग परीक्षाएं जुलाई में तय समय पर कराई जाएंगी या कोरोनावायरस के खतरे के चलते रद्द की जाएंगी, इस पर सीबीएसई (CBSE) आज सुप्रीम कोर्ट में अपना अंतिम फैसला सामने रखने वाला है. माना जा रहा है कि सीबीएसई के फैसले का असर ICSE बोर्ड की बची परीक्षाओं पर भी होगा. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. कुछ पैरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और सीबीएसई के परीक्षा कराने के फैसले को रद्द करने की मांग की है. पैरेंट्स की तरफ से याचिका में बच्चों को कोरोनावायरस का खतरा बताते हुए यह मांग की गई है. सीबीएसई (CBSE Board) आज सुप्रीम कोर्ट में भी अपना पक्ष रखेगा.
कोरोनावायरस महामारी के चलते मार्च में सीबीएसई और ICSE समेत स्टेट बोर्ड के भी कुछ पेपर बाकी रह गए थे. कई स्टेट बोर्ड ने बिना परीक्षा के ही बच्चों को पास कर दिया है. जबकि सीबीएसई ने जुलाई में बचे हुए पेपर कराने का फैसला किया है. सीबीएसई के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई और एग्जाम रद्द कराने की मांग की गई. पैरेंट्स की इस याचिका में कहा गया कि कोरोनावायरस का खतरा हर तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में एग्जाम होने पर बच्चों की सुरक्षा दांव पर है. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई के फैसले को रद्द किया जाए.
इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई से जवाब मांगा था. इसके बाद 23 जून को मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सीबीएसई की तरफ से कहा गया कि चर्चा अंतिम चरण में है और जल्द ही बोर्ड इस पर फैसला लेगा.
केंद्र सरकार और सीबीएसई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में 23 जून को कहा, ''निर्णय लेने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है और गुरुवार तक यह पूरी हो जाएगी.'' सरकार और बोर्ड की इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार यानी 25 जून तक टाल दी थी. जिसके बाद आज दोपहर 2 बजे इस मामले पर सुनवाई होगी.
पैरेंट्स के अलावा दिल्ली सरकार भी परीक्षा कराने को राजी नहीं है. दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिखकर ये मांग कर चुके हैं कि कोरोनावायरस से पैदा मौजूदा हालात में परीक्षा कराना बहुत मुश्किल है, ऐसे में इंटरनल असेसमेंट के जरिए बच्चों के रिजल्ट जारी कर दिए जाएं और बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं.
ICSE बोर्ड परीक्षाओं पर महाराष्ट्र सरकार ने नहीं दी इजाजत
ICSE की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा है. बुधवार को इस मसले पर महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि कोरोनावायरस की स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराने की परमिशन नहीं दी जा सकती है. सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोरोनावायरस से पनपे हालातों के मद्देनजर राज्य सरकार ICSE बोर्ड को 2 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति नहीं दे सकती है.
इससे पहले ICSE ने बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने अपना प्रस्ताव रखा था कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स अगर चाहें तो परीक्षाओं को छोड़ सकते हैं. परीक्षा न देने का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्री- बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस या इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा. लेकिन अंतिम फैसला अभी नहीं किया गया है. ऐसे में आज सीबीएसई का क्या फैसला आता है, ये काफी महत्वपूर्ण है. सीबीएसई के इस फैसले का असर आईसीएसई (ICSE Board) पर भी पड़ेगा.
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