CBSE Secondary School Curriculum 2024-25 For Class 9th: देशभर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए सभी क्लासेस शुरू हो गई हैं. शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही सीबीएसई ने कक्षा 9वीं के स्टूडेंट के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, जिनका पालन सभी छात्र-छात्राओं को करना होगा. सीबीएसई सेकंडरी स्कूल कैरिकुलम 2024-25 (CBSE Secondary School Curriculum 2024-25) के अनुसार कक्षा 9वीं के छात्रों को कम से कम दो लैंग्वेज सब्जेक्ट,सोशल साइंस, मैथमेटिक्स और साइंस विषय को चुनना होगा. इसके अलावा स्टूडेंट के पास तीसरी भाषा विषय, स्किल्ड बेस्ड सब्जेक्ट/वैकल्पिक विषय चुनने का विकल्प होगा. सीबीएसई सेकंडरी स्कूल करिकुलम में तीन अनिवार्य विषय-हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन, वर्क एक्सपीरिएंस और आर्ट एजुकेशन भी शामिल हैं.
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9वीं में सोच-समझकर करें विषय का चुनाव
सीबीएसई की आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि कक्षा 9वीं और 10वीं एक संयुक्त पाठ्यक्रम है और इसलिए छात्रों को कक्षा 9वीं में केवल वही विषय लेने चाहिए जिन्हें वे कक्षा 10वीं में जारी रखना चाहते हैं.
सीबीएसई कक्षा 10वीं में मैथमेटिक्स की बोर्ड परीक्षा दो लेवलों पर आयोजित की जाती है. जो छात्र बेसिक मैथमेटिक्स का चयन करेंगे, उनके पास अगली क्लास यानी 11वीं (सीनियर सेकेंडरी) में एप्लाइड मैथमेटिक्स (241) को वैकल्पिक के रूप में लेने का विकल्प होगा, हालांकि उन्हें सीनियर सेकेंडरी लेवल पर मैथमेटिक्स (041) लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. हालांकि एक स्टूडेंट जिसने मैथमेटिक्स का विकल्प चुना है, उसे सीनियर सेकेंडरी लेवल पर दो मैथमेटिक्स में से किसी एक को ऑफर किया जा सकता है.
तीन अनिवार्य विषयों में फेल होने पर
यदि कोई छात्र तीन अनिवार्य विषयों यानी साइंस, मैथमेटिक्स और सोशल साइंस में से किसी एक में फेल हो जाता है और स्किल्ड विषय (सिक्स वैकल्पिक विषय के रूप में पेश किया जाता है) में उत्तीर्ण हो जाता है तो उस सब्जेक्ट को स्किल्ड विषय से बदल दिया जाएगा. फिर उस विषय को स्किल्ड विषय से बदल दिया जाएगा और कक्षा 10वीं बोर्ड रिजल्ट की घोषणा उसकी के अनुसार की जाएगी.
पांच विषय में फेल होने पर
यदि कोई छात्र पहले पांच विषयों में से किसी भी लैंग्वेज विषय में फेल हो जाता है तो उसे छठे विषय के रूप में ली गई भाषा से बदल दिया जाएगा (कोई कौशल विषय नहीं होने की स्थिति में) या सातवें विषय (वैकल्पिक) के रूप में लिया जाएगा. यह नियम उस स्थिति में लागू होगा जब छात्र ने उस भाषा में उत्तीर्ण किया हो और रीप्लेसमेंट के बाद पहले पांच विषयों में हिंदी या अंग्रेजी उत्तीर्ण भाषा हो.
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