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This Article is From Aug 17, 2020

BHU एंट्रेंस एग्जाम के खिलाफ ‘Satyagrah’, छात्र कर रहे हर जिले में परीक्षा केंद्र की मांग

BHU Entrance Exam 2020: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने एंट्रेंस एग्जाम कराने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले का विरोध हो रहा है.

BHU एंट्रेंस एग्जाम के खिलाफ ‘Satyagrah’, छात्र कर रहे हर जिले में परीक्षा केंद्र की मांग
नई दिल्ली:

BHU Entrance Exam 2020: कोरोनावायरस महामारी के बीच परीक्षाओं को लेकर बड़ा विवाद देखने को मिला है. बोर्ड परीक्षाओं से लेकर यूनिवर्सिटी एग्जाम तक का मामला कोर्ट के दरवाजे तक पहुंचा है. ऐसे में यूपी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) ने एंट्रेंस एग्जाम कराने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है. एक छात्र अकेले ही विरोध में 'सत्याग्रह' पर बैठ गया है. यूनिवर्सिटी ने अंडरग्रेजुएट (BHU UET 2020) और पोस्टग्रेजुएट (BHU PET 2020) एंट्रेंस एग्जाम 24 अगस्त से 14 सितंबर के बीच कराने का फैसला किया है. 

यूनिवर्सिटी के इसी निर्णय के विरोध में वहां के छात्र नीरज राय ने 'सत्याग्रह' शुरू कर दिया है. बीएचयू के ही छात्र नीरज ने वीसी को लिखे अपने लेटर में मांग की है कि परीक्षा केंद्र बढ़ाए जाएं. लेटर में लिखा है, ''हर जिले में परीक्षा केंद्र होने चाहिए, ताकि छात्रों को लंबा सफर न तय करना पड़े और वो एग्जाम में शामिल हो सकें.''

इसके अलावा मांग पत्र में लिखा गया है, ''कोविड महामारी के दौरान प्रवेश परीक्षाओं की तिथियां घोषित करने के विरोध में 13 अगस्त से बीएचयू छात्रसंघ भवन पर सत्याग्रह चल रहा है. जब देश में कोरोना मरीजों की संख्या 25 लाख पार कर चुकी है और मरने वालों का आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच गया है, ऐसे में लाखों परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक बुलाने के लिए मजबूर करना न्यायसंगत नहीं है.''

परीक्षा केंद्रों की संख्या का उठाया मुद्दा

सत्याग्रह कर रहे छात्र नीरज राय ने अपने पत्र में परीक्षा केंद्रों की संख्या का मुद्दा उठाया है. उन्होंने लिखा है, ''एंट्रेंस एग्जाम के लिए इस साल 12500 सीटों के लिए 5.25 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिसमें यूजी के लिए 3 लाख 75 हजार और पीजी के लिए 1 लाख 50 हजार आवेदन हुए हैं. परीक्षा केंद्रों की संख्या 202 है.''

ये मुद्दा उठाते हुए नीरज राय ने कहा है कि छात्रों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी की होती है. ऐसे में जबकि रेल सेवा और बस सेवा सुचारू रूप से नहीं चल रही है, तो ऐसे में परीक्षा केंद्रों तक जाना आसान नहीं है, लिहाजा सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएं ताकि छात्रों को एंट्रेंस के लिए बाहर न जाना पड़े.

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