पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर बात करते हुआ कहा कि राज्य पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) थोपने के केंद्र के प्रयासों को राज्य सरकार स्वीकार नहीं करेगी. क्योंकि बंगाल की अपनी संस्कृति और शिक्षा प्रणाली है. बसु ने आगाह करते हुए कहा कि चूंकि शिक्षा समवर्ती सूची में है, इसलिए केंद्र को नई नीति के माध्यम से अपना नजरिया थोपने का प्रयास नहीं करना चाहिए. बसु ने संवाददाताओं से कहा कि संविधान में शिक्षा समवर्ती सूची में है. ये एक नाजुक विषय है. अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘तुगलकी' रवैया अपनाने की कोशिश करती है. तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ‘‘हमें जहां भी कुछ कहना होगा, हम अपने विचार रखेंगे. जो कुछ भी स्वीकार करने लायक होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे. हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के अनुसार इस पर फैसला करेंगे.''
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कल की थी बैठक
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कल राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी. इस दौरान इसके कार्यान्वयन की समीक्षा की गई थी. मंगलवार को धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर इस बैठक के बारे में जानकारी भी दी थी और लिखा था कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई. एनईपी से जुड़ी कई पहल पहले ही शुरू की जा चुकी हैं. फास्ट-ट्रैकिंग कार्यान्वयन के लिए आगे की राह पर भी चर्चा की.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)With @Drsubhassarkar and officials of the @EduMinOfIndia, reviewed the status of implementation of National Education Policy. A number of NEP-linked initiatives have already been rolled out with more on the anvil. Also discussed the path ahead for fast-tracking implementation. pic.twitter.com/0es5Rk6APn
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 16, 2021
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