नई दिल्ली:
कुछ दिनों पहले GATE के नतीजे आए थे जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के फाइनल वर्ष के सभी बच्चों ने गेट का एग्जाम पास किया और वो भी टॉप रैंक्स में. इस बैच के सभी 14 छात्रों और छात्राओं में बेहद उल्लास है और गर्व भी कि उन्होंने एक नया इतिहास रचा है.
इस बैच के बादल सिंह ने ऑल इंडिया रैंक नौ हासिल की है गेट के लाइफ साइंस विषय में. जब हमने उनसे इस सफलता का राज़ पूछा तो उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स और सीनियर्स की मदद से ही ये मुकाम वो हासिल कर पाए हैं. जब भी कभी उन्हें किसी विषय में परेशानी हुई तब सीनियर्स ने उनकी बहुत मदद की. उन्होंने गेट के लिए नियमित 12 घंटे पढ़ाई की और अपने कमजोर विषयों पर भी अच्छे से ध्यान दिया.
दूसरी तरफ गेट के लाइफ साइंस विषय में 14 रैंक हासिल करने वाली अबसर तलत का मानना है कि अगर आप पुराने सालों के प्रश्न हल करते हैं तो आप आसानी से गेट को पास कर सकते हैं. उनका मानना है कि जो कोर्स आने वाला है उसको अच्छे से पढ़ें और टाइम मैनेजमेंट करना सीखें. अगर आप निरंतर प्रैक्टिस कर रहे हैं और अपने मजबूत पक्ष को और मजबूत कर रहे हैं तो गेट में आपकी सफतला निश्चित है.
जब हमने एक और छात्रा नबीला फरहत से उनकी सफलता का राज पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ग्रुप स्टडी की जिससे उन्हें काफी मदद मिली. साथ ही साथ वो भी इस बात पर जोर देती हैं कि पिछले सालों के प्रश्न और पुराने एग्जाम पेपर्स जरूर हल कीजिये और वो भी ऐसे जैसे आप एग्जाम दे रहे हों, तब आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.
आज इन बच्चों की वजह से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों में जो ख़ुशी की लहर है और जो गर्व उन्हें महसूस हो रहा है वो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि 16 मार्च को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) गुवाहाटी ने ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) - 2018 के नतीजे जारी किये थे. देश भर के अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमटेक में दाखिला लेने के लिए गेट क्वालिफाई करना जरूरी होता है. गेट के रैंक के अनुसार ही एमटेक करने वाले विद्यार्थियों को दाखिला मिलता है. ऑल इंडिया स्तर पर 23 विषयों में आयोजित इस परीक्षा में देश भर के लाखों परीक्षार्थियों ने भाग लिया था.
इस बैच के बादल सिंह ने ऑल इंडिया रैंक नौ हासिल की है गेट के लाइफ साइंस विषय में. जब हमने उनसे इस सफलता का राज़ पूछा तो उन्होंने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स और सीनियर्स की मदद से ही ये मुकाम वो हासिल कर पाए हैं. जब भी कभी उन्हें किसी विषय में परेशानी हुई तब सीनियर्स ने उनकी बहुत मदद की. उन्होंने गेट के लिए नियमित 12 घंटे पढ़ाई की और अपने कमजोर विषयों पर भी अच्छे से ध्यान दिया.
दूसरी तरफ गेट के लाइफ साइंस विषय में 14 रैंक हासिल करने वाली अबसर तलत का मानना है कि अगर आप पुराने सालों के प्रश्न हल करते हैं तो आप आसानी से गेट को पास कर सकते हैं. उनका मानना है कि जो कोर्स आने वाला है उसको अच्छे से पढ़ें और टाइम मैनेजमेंट करना सीखें. अगर आप निरंतर प्रैक्टिस कर रहे हैं और अपने मजबूत पक्ष को और मजबूत कर रहे हैं तो गेट में आपकी सफतला निश्चित है.
जब हमने एक और छात्रा नबीला फरहत से उनकी सफलता का राज पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ग्रुप स्टडी की जिससे उन्हें काफी मदद मिली. साथ ही साथ वो भी इस बात पर जोर देती हैं कि पिछले सालों के प्रश्न और पुराने एग्जाम पेपर्स जरूर हल कीजिये और वो भी ऐसे जैसे आप एग्जाम दे रहे हों, तब आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.
आज इन बच्चों की वजह से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों में जो ख़ुशी की लहर है और जो गर्व उन्हें महसूस हो रहा है वो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि 16 मार्च को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) गुवाहाटी ने ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) - 2018 के नतीजे जारी किये थे. देश भर के अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में एमटेक में दाखिला लेने के लिए गेट क्वालिफाई करना जरूरी होता है. गेट के रैंक के अनुसार ही एमटेक करने वाले विद्यार्थियों को दाखिला मिलता है. ऑल इंडिया स्तर पर 23 विषयों में आयोजित इस परीक्षा में देश भर के लाखों परीक्षार्थियों ने भाग लिया था.
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