सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) के बाद अब राजस्थान बोर्ड (Rajasthan Board To Reduce Its Syllabus) ने भी इस अकेडमिक सत्र के लिए सिलेबस को कम करने का फैसला किया है. राज्य के शिक्षामंत्री गोविंद सिंह दोस्तारा ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य बोर्ड और राजस्थान स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड टीचिंग (RSCERT) को इस संबंध में बता दिया गया है. मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, "कोरोना की वजह से स्कूलों के कार्यदिवसों में कमी हुई है, इसलिए शिक्षा और शिक्षार्थी हित में #सिलेबस में #कटौती का फैसला लेने हेतु माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर और RSCERT उदयपुर को इस संबंध में निर्देशित किया है. बहुत जल्दी अंतिम निर्णय लिया जायेगा."
कोरोना की वजह से स्कूलों के कार्यदिवसों में कमी हुई है इसलिए शिक्षा और शिक्षार्थी हित में #सिलेबस में #कटौती का फैसला लेने हेतु माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर और RSCERT उदयपुर को इस संबंध में निर्देशित किया है।बहुत जल्दी अंतिम निर्णय लिया जायेगा ।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) July 9, 2020
वहीं, कोरोनावायरस महामारी की वजह से विद्यालयों के बंद रहने के मद्देनजर गोवा माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (GBSHSE) भी 2020-2021 के लिए 10वीं एवं 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रमों को कम करने पर विचार कर रहा है. जीबीएसएचएसई (GBSHSE) अध्यक्ष रामाकृष्णन सामंत ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि बोर्ड किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले प्रिंसिपल फोरम और गोवा हेडमास्टर एसोसिएशन के विचारों को ध्यान में रखेगा. उन्होंने कहा, "हम अगले कुछ दिनों में किसी फैसले पर पहुंचेंगे."
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' ने घोषणा की थी कि कोविड-19 की वजह से शैक्षणिक सत्र को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए सीबीएसई (CBSE) ने तर्कपूर्ण तरीके से शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए पाठ्यक्रमों को 30 फीसदी तक कम किया है. जिन विषयों को हटाया गया है, उनमें लोकतंत्र और विविधता, नोटबंदी, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध और भारत में स्थानीय सरकारों का विकास शामिल हैं.
HRD मंत्री ने कहा, "सिलेबस को 30 फीसदी कम करने का उद्देश्य सिर्फ छात्रों के तनाव को कम करना है. यह अभ्यास विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह और सिफारिशों और हमारे #SyllabusForStudents2020 अभियान के माध्यम से शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों पर के आधार पर किया गया है."
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