नयी दिल्ली:
तीन भारतीय छात्रों को मोन्सेन्टो बीशेल-बोरलॉग इंटरनेशनल स्कालर्स प्रोग्राम ( Monsanto Beachell-Borlaug International Scholars Programme - MBBISP) से इस वर्ष कृषि के क्षेत्र में शोध छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है.
इन तीन छात्रों में गुरचरण सिंह बरार भी शामिल हैं जो गेहूं की हरी बालियों में फंफूद (फुसारियम हेड ब्लाइट) के प्रति आनुवाशिंक प्रतिरोध विकसित करने की दिशा में अनुसंधान कर रहे हैं.
मोन्सेन्टो ने कहा कि दूसरे छात्र श्रेया घोष हैं जिनका पीएचडी परियोजना गेहूं की स्पष्ट क्लोनिंग की पद्धति को विकसित करने और उन्हें बेहतर दुरस्त बनाने पर केन्द्रित है. तीसरी छात्र करमिन्दरबीर कौर हैं.
एमबीबीआईएसपी एक वैश्विक कार्यक्रम है जो कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं से आवेदन प्राप्त करता है. यह कार्यक्रम चावल और गेहूं के उत्पादन के लिए नये पौध ब्रीडिंग संबंधी शोध के लिए युवा वैज्ञानिकों और विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रोत्साहित करता है.
इन तीन छात्रों में गुरचरण सिंह बरार भी शामिल हैं जो गेहूं की हरी बालियों में फंफूद (फुसारियम हेड ब्लाइट) के प्रति आनुवाशिंक प्रतिरोध विकसित करने की दिशा में अनुसंधान कर रहे हैं.
मोन्सेन्टो ने कहा कि दूसरे छात्र श्रेया घोष हैं जिनका पीएचडी परियोजना गेहूं की स्पष्ट क्लोनिंग की पद्धति को विकसित करने और उन्हें बेहतर दुरस्त बनाने पर केन्द्रित है. तीसरी छात्र करमिन्दरबीर कौर हैं.
एमबीबीआईएसपी एक वैश्विक कार्यक्रम है जो कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं से आवेदन प्राप्त करता है. यह कार्यक्रम चावल और गेहूं के उत्पादन के लिए नये पौध ब्रीडिंग संबंधी शोध के लिए युवा वैज्ञानिकों और विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रोत्साहित करता है.
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