Share Market Opening: भारतीय शेयर बाजार आज यानी 26 जून को सपाट नोट पर खुला है. सोमवार को बाजार में कारोबार की शुरुआत अच्छी नहीं रही है. हफ्ते के पहले कारोबारी दिन 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 32.87 अंकों की गिरावट के साथ 62,946.50 के स्तर पर खुला. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई (NSE) का निफ्टी (Nifty) लगभग 17.35 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 18,682.350 पर खुला. जबकि पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 259.52 अंक यानी 0.41 प्रतिशत गिरकर 62,979.37 पर और एनएसई निफ्टी 105.75 अंक यानी 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,665.50 पर बंद हुआ था.
आज के शुरुआती कारोबार में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल और सिप्ला निफ्टी पर प्रमुख रुप से लाभ में रहे, जबकि एचडीएफसी लाइफ, भारती एयरटेल और टीसीएस के शेयर नुकसान में कारोबार कर रहे हैं. अगर सेक्टोरल आधार पर बात करें तो मेटल और पावर इंडेक्स को छोड़कर,अन्य सभी इंडेक्स ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स 0.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे रंग में कारोबार कर रहे हैं.
पिछले सप्ताह सेंसेक्स की टॉप 10 सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनियों में छह का मार्केट कैप कुल मिलाकर 1,02,280.51 करोड़ रुपये कम हो गया. इस दौरान सबसे अधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ. बीते सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, इंफोसिस और एसबीआई के मार्केट कैप में गिरावट आई जबकि दूसरी ओर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और भारती एयरटेल के मार्केट कैप में वृद्धि हुई.
आपको बता दें कि पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investment) यानी एफपीआई (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों (Stock Market) पर भरोसा जारी है और जून में उन्होंने अब तक 30,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है.आंकड़ों के मुताबिक 1-23 जून के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयरों (Indian Equities) में शुद्ध रूप से 30,664 करोड़ रुपये का निवेश किया.डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि मई में भारतीय इक्विटी में एफपीआई ने43,838 करोड़ रुपये निवेश (Foreign Portfolio Investment) किए, जो नौ महीने में सबसे अधिक है. यह आंकड़ा अप्रैल में 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये था.इससे पहले, जनवरी-फरवरी के दौरान एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी.