बुधवार की सुबह शेयर बाजार में दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में गिरकर कारोबार की शुरुआत हुई. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं. सेंसेक्स में 289 और निफ्टी में 83 अंकों की गिरावट देखी गई. सेंसेक्स सुबह 66170 पर और निफ्टी 19650 पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी 50 में 42 शेयरों में डिक्लाइन है जबकि केवल 7 शेयरों में एडवांसेस दिखाई दे रहा है. यहां पर जिन शेयरों में तेजी है उनमें UPL, ONGC, CIPLA, NESTLEIND, DRREDDY के शेयर हैं जबकि जिन शेयरों में गिरावट है उनमें HEROMOTOCO, HINDALCO, TATASTEEL, JSWSTEEL, DIVISLAB के शेयर शामिल हैं.
वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, पावरग्रिड और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में बिकवाली होने से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में हल्की गिरावट रही थी.
कारोबारियों के मुताबिक, विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से भी कारोबारी धारणा पर असर पड़ा था. हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों में लिवाली रहने से गिरावट रोकने में मदद मिली थी.
अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 68.36 अंक यानी 0.10 प्रतिशत गिरकर 66,459.31 पर बंद हुआ था.कारोबार के दौरान एक समय यह 66,658.12 अंक के ऊपरी और 66,388.26 अंक के निचले स्तर पर भी आया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 20.25 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,733.55 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से पावरग्रिड में सर्वाधिक पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी. पावरग्रिड ने सोमवार को अप्रैल-जून तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ पांच प्रतिशत से अधिक गिरने की जानकारी दी थी.
इसके अलावा बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टुब्रो और बजाज फाइनेंस के शेयर भी नुकसान के साथ बंद हुए थे.
दूसरी तरफ, एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में बढ़त का रुख रहा था.
बीएसई का मिडकैप सूचकांक 0.23 प्रतिशत गिर गया जबकि स्मालकैप सूचकांक में 0.50 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई थी.
मंगलवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया कि जुलाई में उत्पादन में विस्तार और नए ऑर्डर की दर में थोड़ी कमी आने से भारत में विनिर्माण गतिविधियां लगातार दूसरे महीने कम हुई हैं. हालांकि जुलाई में सकल जीएसटी संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने का आंकड़ा भी सामने आया है.