शापुर मिस्त्री के लिए यह साल काफी दुखद रहा है. इस साल उन्हें एक के बाद एक करके लगातार दो बड़े झटके लगे हैं. उन्होंने महज तीन महीने के भीतर अपने भाई साइरस मिस्त्री और पिता शापूरजी पलोनजी (Shapoorji Pallonji) को खोया है. इस सबके बीच अब दुनिया के सबसे अमीर वंशों से ताल्लुक रखने वाले शापुर मिस्त्री को अब एक बड़ी व्यावसायिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप (Tata Group) के साथ लंबे समय से चल रहे झगड़े में मिस्त्री परिवार के 29 बिलियन डॉलर की संपत्ति फंसी हुई है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स द्वारा अनुमानित 29 बिलियन डॉलर की पारिवारिक संपत्ति (लगभग 90%) भारत के सबसे बड़े समूह, टाटा समूह के साथ चल रहे झगड़े में अटकी हुई है. साइरस मिस्त्री और टाटा ग्रुप लगभग एक सदी से करीब थे, जिसके बाद वे अलग हो गए.
मिस्त्री परिवार ने पांच पीढ़ियों और 157 वर्षों के दौरान पूरे एशिया में महलों, कारखानों और स्टेडियमों के निर्माण के लिए एक बड़ा साम्राज्य विकसित किया है. अब 57 वर्षीय शापुर मिस्त्री को यह पता लगाना होगा कि इस लंबे विवाद को कैसे हल किया जाए और एक कमजोर अर्थव्यवस्था के रूप में नकदी को मुक्त किया जाए. शापूरजी पालनजी समूह की बढ़ती ब्याज दरों ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है. हालांकि, महामारी के दौरान शापूरजी पालनजी समूह वित्तीय तनाव से उभरा है.
इस बात की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि शापुर मिस्त्री ने इस मुद्दे को लेकर वकीलों और सलाहकारों से मुलाकात की है. इसके साथ ही उन्होंने परिवार के दोस्तों के साथ सही समय पर मध्यस्थता करने की पेशकश की है.