ADVERTISEMENT

आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी : ब्याज दरों में यथास्थिति बनाए रख सकता है केंद्रीय बैंक

विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकिंग प्रणाली में 60 अरब डॉलर से भी अधिक की अधिशेष नकदी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव अपेक्षित नहीं है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी07:57 AM IST, 07 Jun 2017NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई और आज बुधवार को वह ब्याज दरों को लेकर अपना रुख पेश कर सकता है. केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा पेश करेगा.

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जबकि सरकार निजी निवेश बढ़ाने के लिए उधारी लागत को घटाने पर जोर दे रही है. वहीं ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकिंग प्रणाली में 60 अरब डॉलर से भी अधिक की अधिशेष नकदी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव अपेक्षित नहीं है.

जो लोग नीतिगत ब्याज दरों में कटौती चाहते हैं वे उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति के अप्रैल में घटकर 2.99 प्रतिशत रहने का हवाला दे रहे हैं. आर्थिक वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में दो साल के निचले स्तर पर रही.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार कोब्याज दरों में कटौती की वकालत करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति लंबे समय से नियंत्रण में है और अच्छे मानसून के उम्मीद के बीच इसके आगे भी कम बने रहेन की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2016-17 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है. ऐसे में भारतीय उद्योग जगत भी नीतिगत दरों में कटौती के लिए दबाव बना रहा है.

हालांकि, वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा. केंद्रीय बैंक पहले मुद्रास्फीति पर जीएसटी को लागू करने के प्रभाव को देखेगा.

भारतीय स्टेट बैंक की उपप्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी अंशुला कान्त ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति के रुख और बाजार में पर्याप्त तरलता की स्थिति को देखते हुए इस बात की संभावना कम है कि ब्याज दरों में कटौती होगी.’’ यूनियन बैंक आफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक विनोद कथूरिया ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती होगी. वे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों को देखना चाहेंगे.’’

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT