योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज कहा कि रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ही मुख्य नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा है।
अहलूवालिया ने कहा, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाने के फैसले से गवर्नर ने बाजार को चौंका दिया। बाजार को नीतिगत दर बढ़ने की उम्मीद थी।
उन्होंने कहा, उन्होंने (आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन) भरोसा जताया है कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में होगी और ऐसे में हमें उम्मीद करनी चाहिए कि वह सही होते हैं तो यह अच्छा फैसला साबित होगा। मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर रहने के बावजूद सभी मुख्य दरें अपरिवर्तित रखीं।
मुख्य दरें अपरिवर्तित रखना उद्योग और खुदरा कर्जदारों के लिए बड़ी राहत की बात होगी विशेषतौर पर तब जबकि बाजार को अल्प-कालिक ऋण दर में और 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की आशंका थी।
अहलूवालिया के मुताबिक, रिजर्व बैंक का मानना है कि हाल के संकेत से पता चलता है कि मुद्रास्फीति पर दबाव कम होगा, जो मुख्य तौर पर खाद्य कीमतों के कारण है। खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी आमतौर पर मौसमी होती है और उम्मीद है कि खाद्य मुद्रास्फीति आने वाले हफ्तों में कम होगी।
उन्होंने कहा, आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि कुछ ऐसी उम्मीद है कि उच्च मुद्रास्फीति में कमी आएगी, जो मुख्य तौर पर खाद्य मुद्रास्फीति और वह भी मुख्य तौर पर सब्जियों की मुद्रास्फीति से प्रभावित होती है।