रेलमंत्री मुकुल रॉय ने कहा है कि रेल मंत्रालय यात्रियों को फोन पर 'टिकट ऑन डिमांड' की सुविधा देने पर तीन महीने के अंदर विचार करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट से टिकट आरक्षण में गड़बड़ी रोकने के लिए एक नए सॉफ्टवेयर पर काम शुरू किया गया है।
रेलमंत्री ने लोकसभा में रंजन प्रसाद यादव के प्रश्न के उत्तर में कहा कि रेलों में टिकटों की मांग और उपलब्धता में काफी अंतर है और सरकार ने कई ट्रेनें बढ़ाई हैं तथा कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे यात्रियों को सुविधा हो। उन्होंने कहा, मैं विश्वास दिलाता हूं कि रेल मंत्रालय तीन महीने के अंदर फोन पर 'टिकट ऑन डिमांड' पर विचार करेगा।
रॉय ने तत्काल आरक्षण में कालाबाजारी की घटनाओं और आईआरसीटीसी की वेबसाइट दलालों द्वारा हैक किए जाने के मामलों के संदर्भ में कहा कि एक नया सॉफ्टवेयर लाया गया है, जिससे हैकिंग को रोका जा सकेगा। इसके अलावा कई नई प्रणालियां लाई जा रहीं हैं। इससे पहले रेलमंत्री ने रंजन प्रसाद यादव के पूरक प्रश्न के उत्तर में जब सदन के पटल पर पेश किए गए बयान को ही पढ़ना शुरू कर दिया, तो सदस्यों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद रॉय ने रेल मंत्रालय के कुछ कदम गिनाए।
रेलवे राज्यमंत्री केएच मुनियप्पा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दलालों को रोकने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं और 2009-10 तक 5,125 दलालों पर आरोपपत्र दाखिल किए गए, जिनमें से 2317 दोषी ठहराए गए। इसके अलावा 218 आरोपी अधिकारियों को पकड़ा गया, जिनमें से 136 दोषी ठहराए गए या निलंबित किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि दलालों को बढ़ावा देने में आम लोग ही दोषी हैं, क्योंकि वे टिकट लेने के लिए उनके पास जाते हैं। इस पर कुछ सदस्यों ने विरोध जताया।
संजय निरुपम के एक प्रश्न के उत्तर में रॉय ने बताया कि टिकटों की कालाबाजारी में आरपीएफ और जीआरपीएफ के जवानों की भूमिका को लेकर कोई अलग से आंकड़ा नहीं है। रॉय ने कहा कि इस मामले में जो जानकारी है, उसमें सभी अधिकारियों और जवानों का कुल आंकड़ा है और अलग से उन आरपीएफ जवानों की संख्या नहीं है, जो दलालों को संरक्षण देते हैं, लेकिन इस संख्या का पता लगाकर जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।