कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) कर्मचारी डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआई) के तहत अधिकतम बीमित राशि बढ़ाकर 5.5 लाख रुपये कर सकता है। फिलहाल यह 3.6 लाख रुपये है।
ईपीएफओ के छह लाख से अधिक अंशधारकों के लिए बीमा लाभ बढ़ाने के प्रस्ताव को पेंशन और ईडीएलआई क्रियान्वयन समिति की नौ सितंबर को होने वाली बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। बैठक के एजेंडे में यह मामला शामिल है। मंजूरी के बाद इसे केंद्रीय न्यासी बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। इस निकाय के अध्यक्ष श्रम मंत्री हैं। अंत में संशोधित ईडीएलआई योजना को श्रम मंत्रालय की अधिसूचना के जरिये लागू किया जाएगा।
फिलहाल ईडीएलआई के तहत अगर किसी ईपीएफओ अंशधारक की एक ही संगठन में लगातार एक साल सेवा के बाद मुत्यु हो जाती है तो उसके द्वारा नामित व्यक्ति को पिछले 12 महीने लिए के उसके औसत मासिक वेतन का 20 गुनी राशि 20 प्रतिशत बोनस के साथ दी जाएगी। इस लिहाज से इस समय इस योजना के लिए 15,000 प्रति महीना की अधिकत वेतन सीमा स्थिति में अधिकतम बीमा राशि 3.6 लाख रुपये बनती है।
यह प्रस्ताव किया गया है कि इस योजना में पिछले 12 महीने के औसत मासिक वेतन का 30 गुना बीमा किया जाना चाहिए। इसके साथ साथ ईपीएफ खाते में औसत शेष राशि के 50 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख रुपये भी देय होगा। ऐसे में अधिकतम बीमा राशि बढ़कर 5.5 लाख रुपये हो जाएगी।
प्रस्ताव में 12 महीने से कम और कम से कम 12 महीने पूरा करने वाले अंशधारकों के मामले में बीमा राशि के आकलन के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने की व्यवस्था भी खत्म करने का प्रस्ताव है। मौजूदा योजना के तहत अगर अंशधारका की सेवा 12 महीने से कम है, वह अधिकतम 1.2 लाख बीमा राशि पाने का हकदार है। इस श्रेणी के अंशधारक उस बीमा राशि के हकदार है जो उनके भविष्य निधि खाते में अगर रकम 50,000 रुपये से कम है, तो उनके औसत राशि के बराबर होगा।
अगर भविष्य निधि खाते में जमा रकम 50,000 रुपये से अधिक है, वे उतनी ही राशि के बीमा के हकदार होंगे और इसके अलावा 50,000 रुपये से अधिक राशि का 40 प्रतिशत भी उन्हें मिलेगा। लेकिन इसके लिए अधिकतम सीमा एक लाख रुपये है। वे दी जाने वाली राशि का 20 प्रतिशत बोनस के भी हकदार हैं।